लेंगे बदला

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर (मध्यप्रदेश)****************************************** चुन-चुनकर लेंगे बदला, ये भारत का 'सिंदूर' है।बहुत सह लिया तुझे, तोड़ना तेरा अब गुरूर है॥ भक्ति देखी, शांति देखी, अब देखेगा तू क्रांति भी।मजबूर किया…

Comments Off on लेंगे बदला

सायकिल की सवारी

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** सुनो सायकिल बड़े काम कीएक सायकिल रखना पास,इसमें इतने सारे गुण हैंसबके लिए बहुत ही ख़ास। बच्चे-बूढ़े सभी चलातेमत करना इसका उपहास,नहीं बहुत महँगी यह आतीहै यह…

Comments Off on सायकिल की सवारी

आते-जाते रहेंगे तूफान

मंजू अशोक राजाभोजभंडारा (महाराष्ट्र)******************************************* एक शहर में मैंने देखा,ऐसा भयानक तबाही का मंजरवहाँ कुछ पल पहले ही,थमा था तूफान आकर। कुछ लोग थे उदास,अपना बहुत कुछ खोकरकुछ लोग थे,बिलख-बिलख कर…

Comments Off on आते-जाते रहेंगे तूफान

कल्पकथा काव्य संध्या में प्रवाहित रही भक्ति धारा

सोनीपत (हरियाणा)। सद साहित्य हेतु कृत संकल्पित कल्पकथा साहित्य संस्था की १९९वीं आभासी काव्य गोष्ठी में सृजनकारों ने भक्ति और पौराणिक प्रसंगों पर आधारित काव्य रचनाओं से समा बांधा। विद्वान…

Comments Off on कल्पकथा काव्य संध्या में प्रवाहित रही भक्ति धारा
Read more about the article डॉ. वीरेन्द्र कुमार दुबे सम्मानित
Oplus_131072

डॉ. वीरेन्द्र कुमार दुबे सम्मानित

जबलपुर (मप्र)। सशक्त हस्ताक्षर संस्था व प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा निरंतर काव्य गोष्ठी के माध्यम से साहित्य व सांस्कृतिक क्षेत्र में सबको सम्मानित करने का कार्य कर रही है। इसी…

Comments Off on डॉ. वीरेन्द्र कुमार दुबे सम्मानित

मातृभाषा में शिक्षा के बड़े लाभ

पद्मा अग्रवालबैंगलोर (कर्नाटक)************************************ नई शिक्षा नीति... स्थानीय से वैश्विक की अवधारणा को ध्यान में रखते हुए नौनिहालों को आँगनवाड़ी से मातृभाषा में शिक्षित और दीक्षित करने की पहल नई शिक्षा…

Comments Off on मातृभाषा में शिक्षा के बड़े लाभ

ओ मानुष ! काहे ? फिरे मारा-मारा

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************** ओ मानुष ! काहे ‌? फिरे मारा-मारा,ये संसार चार दिनों को ही है तुम्हारा। माया जाल में फंसकर,भूल न जाना प्रभु कोसुमिरन में समय…

Comments Off on ओ मानुष ! काहे ? फिरे मारा-मारा

पंछियों की उड़ान तले

संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)********************************************* इन दिनों गाँव की यात्रा पर हूँ। असमय हुई धुआँधार बारिश के चलते मौसम खुशमिजाज-सा बन चला है। जहां इस समय मई में लू की लपटें…

Comments Off on पंछियों की उड़ान तले

पैसा बोलता है, नवरंग

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* पैसा बोलता दुनिया, पैसा ही नवरंग।रिश्ते नाते मान यश, बिन पैसे बदरंग॥ पैसे ही ऊँचाइयाँ, पैसे ही सम्मान।पैसों के महफ़िल सजे, पैसा ही भगवान॥…

Comments Off on पैसा बोलता है, नवरंग

सावित्री ने प्राण बचाए

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* सावित्री की दिव्यता, हार गए यमराज।सावित्री के तेज पर, हर्षित सकल समाज॥ सावित्री के तेज से, हार गए यमराज।नारी रखे सतीत्व तो, बजे सुखों का साज॥…

Comments Off on सावित्री ने प्राण बचाए