भूख से बड़ी वेदना नहीं
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* भूख से बड़ी वेदना नहीं है यह तो समझो,मिल जाए रोटी यही कामना, यह तो समझो। भूख तो मानव जीवन का ही है हिस्सा,पेट को भरने…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* भूख से बड़ी वेदना नहीं है यह तो समझो,मिल जाए रोटी यही कामना, यह तो समझो। भूख तो मानव जीवन का ही है हिस्सा,पेट को भरने…
पद्मा अग्रवालबैंगलोर (कर्नाटक)************************************ पृथ्वी दिवस (२२ अप्रैल) विशेष... हम सबको आने वाली पीढ़ी को पृथ्वी के महत्व को समझाना और बताना आवश्यक है। प्रकृति और पृथ्वी के संरक्षण को ध्यान…
संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)****************************** अब झरने लगे हैं नीम के फूल ही फूल,हवाओं पर हो सवार, उतरने लगे हैं गुल। कभी रिमझिम से, मध्यम, कभी झमाझम,बिछड़कर गजरों से, तेज धूप…
ललित गर्ग दिल्ली*********************************** 'विश्व विरासत दिवस' (१८ अप्रैल) विशेष... 'विश्व धरोहर दिवस' अथवा 'विश्व विरासत दिवस' मानव सभ्यता के इतिहास और विरासत को एक साथ सम्मान देने एवं ऐतिहासिक और…
संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* दोस्ती में ज़रूरी नहीं-हर बात पर सहमति हो,बात तो तब बनेमतभेद भी रहें और,बहस भी सही हो। दोस्ती में ज़रूरी नहीं-एक जैसा व्यवहार हो,बात तो तब…
हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ वही सच्चा साथी होता है,जो दु:ख-सुख में साथ देजो एक-दूसरे का कभी भी साथ ना छोड़े,क्योंकि दोस्त ही हमारा अपना होता है। उसकी दोस्ती सच्ची,जो…
दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक व सांस्कृतिक समूह 'ईवा ज़िंदगी' ने महिला दिवस के अवसर पर समाज व साहित्यिक योगदान देने वाली २६६ महिलाओं को 'ग्लोबल फीनिक्स अवार्ड' से सम्मानित किया। इसमें…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* अभी समस्त विश्व पटल पर विस्तार वाद, दंगा, हिंसा, घृणा, स्वार्थ विष फैला हुआ है और मानवीय एवं न्यायिक मूल्यों का क्षरण हो रहा…
दिल्ली। काकासाहेब कालेलकर एंव विष्णु प्रभाकर की स्मृति को समर्पित सन्निधि संगोष्ठी में दोहा वाचन तथा पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम १९ अप्रैल को होगा। मुख्य अतिथि प्रताप सहगल होंगे।आयोजक गांधी हिन्दुस्तानी…
डॉ. मुकेश ‘असीमित’गंगापुर सिटी (राजस्थान)******************************************** पंखा अपनी पूरी ताक़त से घूम रहा है,जैसे थकी हुई उम्मीदों कोहवा देने की आखिरी कोशिश कर रहा हो,पर शब्द हैं कि उफ़ तक नहीं…