माँ धनपती देवी स्मृति-कथा साहित्य सम्मान हेतु कहानी आमंत्रित
सुल्तानपुर (उप्र)। माँ धनपती देवी की पुण्य स्मृति में प्रत्येक वर्ष २० दिसम्बर को कहानीकारों द्वारा प्रेषित कहानियों को पुरस्कृत करने की योजना है। इस हेतु कहानियाँ ३१ अगस्त तक…
सुल्तानपुर (उप्र)। माँ धनपती देवी की पुण्य स्मृति में प्रत्येक वर्ष २० दिसम्बर को कहानीकारों द्वारा प्रेषित कहानियों को पुरस्कृत करने की योजना है। इस हेतु कहानियाँ ३१ अगस्त तक…
हैदराबाद (तेलंगाना)। साहित्य सेवा समिति की १२२ वीं मासिक गोष्ठी का आयोजन आभासी जरिए से २ सत्र में हुआ। प्रथम में ’२१वीं सदी में हिंदी कविता की घटती लोकप्रियता और…
डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* कुछ कदम तुम चलो, कुछ कदम हम चलें।हरी इन वादियों में फूल प्यार के खिलें॥ बहती हुई नदियाँ जीवन की धारा है।गोद में पहाड़ के…
पिलखुवा (उप्र)। श्रीराम राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था (अयोध्याधाम) द्वारा रामनवमी महोत्सव राष्ट्रीय अवार्ड २०२५ के अंतर्गत देशभर के ३५० से अधिक रचनाकारों को सम्मानित किया गया। यह उनको दिया गया, जिन्होंने…
भोपाल (मप्र)। नई पुस्तक 'सबकी अपनी राम कहानी' (ज्ञानमुद्रा प्रकाशन) से आई है, जो मूलतः पिताश्री की लिखी आत्मकथा है, जिसका संपादन भर समीक्षक-लेखक विनोद नागर ने किया है। इसका…
डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* कला और कलाकार की दुनिया,अद्भुत कलाओं की सृजनशीलता। तूलिका से रंग-बिरंगी छवि बना दे रंगरेज,भावों को जैसे जीवित कर दे चित्रकार। संगीत जीवन में बहारें संग…
संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर (मध्यप्रदेश)******************************** जीवन में मूल्य को पहचानो,अपने अधिकार, हक को जानोजीवन में संगत रही बुरी,तो खुशियाँ कहाँ से होगी पूरी!किसी की सहायता करना,कोई मूल्य नहीं होताऔर न ही…
संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)****************************** भक्ति की अनुपम मिसाल,शक्ति का महत्तम कमालपराक्रम जो गहनतम विशाल,नम्रता का विशेषतम अनुपाल। जो अंजनी का लाला,राम का परम कृपालाभक्तों का है शिवाला,प्रणाम स्वीकारो दयाला। राम का…
प्रो. लक्ष्मी यादवमुम्बई (महाराष्ट्र)**************************************** यह जीवन एक रंगमंच है। यहाँ हर एक व्यक्ति कलाकार है, जो अपनी अलग-अलग भूमिका अदा करता है। जीवन जीना भी एक कला है। प्रत्येक मनुष्य…
कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’मुंगेर (बिहार)********************************************** चले आओ पनाहों में, निगाहें राह तकती है।बताएं क्या तुम्हें दिलवर, तुम्हीं में जान बसती है॥सुनो सजना तुम्हें मैंने, तहे दिल से पुकारा है।चले आओ सजन…