अंतर्द्वंद्व
वंदना जैनमुम्बई(महाराष्ट्र)************************************ बूँद-बूँद वास्तविकता परदो टूक कल्पनाएं,कविताओं की झोली को भरते-मूँद-मूँद सपने। साँस-साँस भरती जीवनचर्या परखन-खन लुढ़कते खुशियों के सिक्के,दूर-दूर से निहारतीएक-एक बीनती-जीवन गाड़ी के बिछड़े अपने। आर-पार सी चीरतीतन-मन…