अंतर्द्वंद्व

वंदना जैनमुम्बई(महाराष्ट्र)************************************ बूँद-बूँद वास्तविकता परदो टूक कल्पनाएं,कविताओं की झोली को भरते-मूँद-मूँद सपने। साँस-साँस भरती जीवनचर्या परखन-खन लुढ़कते खुशियों के सिक्के,दूर-दूर से निहारतीएक-एक बीनती-जीवन गाड़ी के बिछड़े अपने। आर-पार सी चीरतीतन-मन…

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विकार की जय-जयकार

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** आज अनूठी रीत चली,लोग विकार मोहित हुएभुवन में है डंका उसका,देख सजीला व्यथित हुए। बन-ठन कर रहता ऐसा,मिथ्या सुरूप दृश्य लगेअभिनय वह ऐसे करता,सत्य सदा अस्पृश्य लगे।…

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सावन सुन्दरी

गोपाल चन्द्र मुखर्जीबिलासपुर (छत्तीसगढ़)*********************************************** ऐ मेरी सावन सुन्दरी-चुप्पी से हुआ आपका आगमन,झम-झम बजे नूपुर की रुनझुन!ऐ मेरी सावन सुन्दरी-घने काले केश बादल से,छा गई आप आसमाँ में। ऐ मेरी सावन…

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भीगी पलकें सुना रही कहानी

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************* भीगी पलकें सुना रही है,एक अनकही मौन कहानी।आँखों में शबनम की बूँदें,लगती प्यारी देख सुहानी॥ सपनों का अंबार लगा है,चैन नहीं मिलता है इनको।खोई रहती…

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हिन्दुस्तान के दुलारे

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* हिन्दुस्तान का बेटा, हिन्दुस्तानी अद्भुत माँ के लाल थे।त्याग दिया घर-द्वार क्योंकि, दुश्मनों के वो महाकाल थे। प्यारी वसुन्धरा के लिए, जीवन अपना त्याग दिए थे,दुश्मन…

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चरित्र निर्माण को समझो

मुकेश कुमार मोदीबीकानेर (राजस्थान)**************************************** चरित्र निर्माण को समझो, पर्वतारोहण के समान,अशुद्ध विचार विघ्न बनकर, मचाएंगे बड़े तूफान। अपवित्र विचारों को यदि, अवसर दिया आने का,काम सदा करेंगे वो, नैतिकता से…

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हर यौवन की कहानी होती है…

डॉ.अशोकपटना(बिहार)*********************************** यह एक संसार है,बहुत बड़ा बाजार हैउछलकूद करते हैं यहां लोग,परिश्रम से नहीं डरते हैं लोगइतिहास मगर इसके पीछे रहता है कुछ यहां,परिस्थितियों की कीमत चुकानी पड़ती है यहांइसके…

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वाह रे! ओ खुदगर्ज इंसान

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** वाह रे ओ खुदगर्ज! चौरासी श्रेष्ठ इंसान,मैं हूँ इंसान बस, मैं ही रहूंगा जिंदानिरीह प्राणियों की, बलि चढ़ा कर,क्यों करता है इंसानियत को शर्मिंदा ? हिन्दू-मुस्लिम…

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केसरिया…

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** अम्बर अवनि एक रंग रंगे तय भोर भये केसरिया,सागर सरवर को नहलाए यह साँझ ढले केसरिया। चोला बसंत बहार पहने रंग यही हलके गहरे,ऋतुराज सदा तरकश भरकर,…

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मयूरा नाचे छतरी तान

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** कहूं मैं सुन मेरे मनमीत,सुना दो प्यारा-सा इक गीत।गीत सुन मनवा जाए झूम,मचे महफ़िल में ऐसी धूम। खिली है चारों ओर बहार,पड़ रही बारिश की बौछार।कोयली…

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