मायने ही बदले
तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ***************************************** इस रंग बदलतीदुनिया मेंआज आदमी भी,स्वार्थपरता के रहतेगिरगिट की तरह,पल-पलबदल रहा है रंग। माना परिवर्तनप्रकृति का नियम है,पर आज आदमीछोड़ कर,अपने पूर्वजों केसंस्कारों की धरोहर,अपना रहा हैआधुनिकता…