चमकेगा किस्मत का नवतारा

डॉ.आशा आजाद ‘कृति’कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** शिक्षक दिवस विशेष… शिक्षा के अनमोल रत्न से, कर लें मन उजियारा।शिक्षित होकर नित्य मिटेगा, अंतर्मन अँधियारा॥ जिसके मन में ज्ञान दीप है, जीवन भर सुख पाते,जिज्ञासु अरु छात्र भाव रख, गुरु आश्रय को जाते।ज्ञान बढ़ेगा फिर चमकेगा, किस्मत का नव तारा,शिक्षा के अनमोल रत्न से, कर लें मन उजियारा…॥ वैज्ञानिक … Read more

सभ्य है समाज, पर…

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** सभ्य है समाज, पर घना अँधेरा है,फिर स्त्री-अस्मिता को पाप ने घेरा है।कैसी आग है जो बुझती है बस जिस्म से,हे सुदर्शन आओ, अब भी पापियों का डेरा है॥ शर्म नहीं आती, यूँ तन नोंचते हुए,डरते नहीं वहशी पुरुषत्व खोते हुए।क्यों आखिर ऐसा बार-बार होता है ?वो लुट गई और ईश्वर ने … Read more

मेरी कल्पना हो

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* तुम ही मेरी कल्पना हो, तुम ही मेरी साधना।तुम्हीं मेरे मीत हो और, तुम ही हो आराधना॥ हृदय विभोर इतना है मेरा, कब आओगे श्याम,होंठों की मधुर मुस्कानों पर,लिखूँ तेरा नाम।एक झलक दिखलाओ सजनवा, करती हूँ याचना,तुम ही मेरी कल्पना हो, तुम ही मेरी साधना…॥ नयन सजल हो रहे प्रियतम, … Read more

हे! गिरिधर गोपाल

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* हे! गिरिधारी नंदलाल, तुम कलियुग में आ जाओ।राधारानी को सँग लेकर, अमर प्रेम दिखलाओ॥ प्रेम आज अभिशाप हो रहा, बढ़ता नित संताप है,भटकावों का राज हो गया, विहँस रहा अब पाप है।प्रेम, प्रीति की गरिमा लौटे, अंतस में बस जाओ।राधारानी को सँग लेकर, अमर प्रेम दिखलाओ…॥ अंधकार की बन आई है, … Read more

जगत पुकारे

मीरा सिंह ‘मीरा’बक्सर (बिहार)******************************* मोहन-मोहन जगत पुकारे,मोहन मोहन बनो सहारे।जग तेरा ही माला जपताकान्हा तारणहार हमारे॥ नाथों के तुम नाथ रहे हो,सच्चाई के साथ रहे हो।प्यारे मोहन मुझे बताओ,मौन विवश क्यों आज खड़े हो।आकुल धरती तुझे पुकारे,तुम बिन कौन जगत को तारे…॥मोहन-मोहन… मौन द्रौपदी तुझे पुकारी,क्यों ना आए तुम गिरधारी।नहीं बख्शना उस पापी को,जिसने मेरी … Read more

राखियाँ शुभगान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* रक्षाबंधन विशेष… नेह मंगलमय हुआ है, राखियाँ शुभगान हैं।दे रहीं बहनें दुआएँ, भाई के अरमान हैं॥ हो गया मौसम सुनहरा, चेतना उल्लास में,आन रिश्तों को मिली है, पर्व है विश्वास में।आ रहा है याद बचपन, आ रहा सब ध्यान में,दे रहीं बहनें दुआएँ, भाई के अरमान हैं…॥ प्रीति हर्षित हो रही … Read more

शिव नाम का एक दीपक जलाऊं

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************* मुख रूपी द्वार जीभ रूपी दहलीज़ पर,शिव नाम का एक दीपक जलाऊं।अंदर उजियारा कभी बाहर उजियारा,तन-मन भवन में फिर उसको घुमाऊं॥ ज्ञान की तीली से दीपक जलाया,बहुत जतन से बुझने से बचाया।प्रेम की बाती में अंसुवन का तेल डार,श्रद्धा गुहार कर शिव जी बुलाऊं॥शिव नाम का एक दीपक जलाऊं… … Read more

औघड़दानी बाबा

कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’मुंगेर (बिहार)********************************************** सुबह सवेरे, नंगे पाँव चल के,आया है तेरे द्वार, ओ बाबा मेरे।भक्तों की लंबी कतार, ओ बाबा मेरे।भक्तों की…॥ कांधे पर कांवड़, लेकर आए,मधुर स्वर में, जयकार लगाए।दर्शन तो दो एक बार, ओ बाबा मेरे।दर्शन तो दो एक बार,…॥ जटा में आपके, गंगा बिराजे,मस्तक पर अद्भुत, चंद्रमा साजे।हो कोटि नमन स्वीकार, … Read more

स्व-मन स्व-नियन्त्रण

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************* मन पर दया और मन का दुलार।महंगा पड़ा है तुझको बारम्बार॥ निकृष्ट सोच इसकी जलन हम सहन करें,इसकी भोग वृत्तियों को कब तक वहन करें।किसी से बता ना पाएं पड़ती दुत्कार,मन पर दया और…॥ जलने दो इसको यूँ ही गलत बात मानो ना,जलने से कुंदन शुद्ध इस सच को … Read more

ऐसे भक्त लगते शिव को प्यारे

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************* विरहा-वेदना कातर मन से शिव को जो भी पुकारे।ऐसे भक्त-सेवक मेरे शिव को लगते हैं अति प्यारे॥ आँखों में आँसू भर कर जो शिव को नहलाते हैं,सावन की ठंडी बूँदों-सा अनुभव शिव को कराते हैं।उन बूँद में शिव जी सुंदर मधुरिम सुख नित पाते हैं,धन्य हैं वे सेवक शिव … Read more