रचा मुझको, यही सम्मान

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* विधाता ने रचा मुझको, यही सम्मान है मेरा।पिता-माता बने दाता, किया भगवान ने डेरा॥ तरसता मैं न दर्शन को, उन्हीं के साथ में रहता,बरसता प्यार उनका ही, सदा सुख से रहा करता।मिलीं ऑंखें मिला है मन, इन्हीं में ज्ञान का फेरा,तभी तो ज़िन्दगी में कर लिया भगवान ने डेरा॥विधाता ने … Read more

जीना हमको सिखा दो

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* रचनाशिल्प:२ २ २ २ २ १ १ २ २ २ २ २ २ २ १ १ २ २… हम बालक हैं आप बड़े हो, जीना हमको आप सिखा दो।पूजा करते आप जिन्हें भी, उनसे हमको आप मिला दो॥ हमने देखे मात-पिता ही, जीवन दाता मात-पिता हैं।जानें हम भी बात अगर … Read more

गुजारें प्रेम से जीवन

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* गुज़ारें प्रेम से जीवन, नफ़रती सोच को छोड़ें।हम अपने सोच की शैली अभी से, आज से मोड़ें॥ अँधियारे को रोककर, सद्भावों का गान करें,मानव बनकर मानवता का नित ही हम सम्मान करें।अपनेपन की बाँहें डालें, नव चेतन मुस्काए,दुनिया में बस अच्छे लोगों को ही हम अपनाएँ।जो दीवारें खड़ी बीच में आज … Read more

मानव अब तो जाग जरा

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** सब ‘धरा’ रह जाएगा (पर्यावरण दिवस विशेष)… धरा में ही धरा है सब कुछ,धरा से ही तुझे मिला है सब कुछ।अनमोल वसु ये हवा, पानी,इनका तू क्या मोल, चुकाएगा ?इनसे ही जिया, इसमें ही मरे,इससे तू जीत ना पाएगा।ऐ मानव अब तो जाग जरा,तू धरा का धरा रह जाएगा…॥ … Read more

साहस की जय

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* कर्म करे जो जोश से, खुशियों से भर जाए।आस पराई जो तके, जीवित ही मर जाए॥ जीवन ख़ुद जीना पड़ता है, पीड़ा से लड़ना पड़ता है,कैसी भी मुश्किल राहों में, पर ज़िद पर अड़ना पड़ता है।दृढ़ निश्चय करना सदा, तूफाँ भी डर जाए,आस पराई जो तके, जीवित ही मर जाए…॥ काँटे … Read more

छाया है मधुबन-सी

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* अलसाये अनुबंधों से गीत लिखूँ, गीत लिखूँ।छाया है मधुबन-सी, जीवन संगीत लिखूँ॥ फैला प्रकाश आज, तिमिर को संग लिये,कुछ प्रकाश कुछ तिमिर का सम्मिलित प्रयोग किये।कुछ प्रकाश को चुरा में ज्योतिर्मय गीत लिखूँ,गीत लिखूँ, गीत लिखूँ, जीवन संगीत लिखूँ…॥ लू ये बेशुमार चली, अब गर्मी का राज था,फिर कुछ देर … Read more

हर ख़्वाब अधूरा

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* जज्बात भरा दिल है, पर एक न पूरा हो।हालात मिटा देते, हर ख़्वाब अधूरा हो। लम्हे न कभी दिखते, महसूस हुआ करते,कुछ वक्त मिटा देते, कुछ खूब हुआ करते।है वक्त की उस्तादी, इंसान जमूरा हो,हालात बिन समझे हर ख्वाब अधूरा हो।जज्बात भरा दिल है… तहरीर कठिन लगती, कोशिश न हुआ … Read more

मन्नतों के धागे

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* मन्नतों के अनगिनत धागे मैंने बाँध दिये।रात के बाद प्रात सूरज ने फिर सवाल किये॥ बादलों पर चित्र उकेरे और दिया संदेशा,आयेगा जवाब कोई मन में था अंदेशा।उम्मीद नाकाम हो रही उदास जिंदगी जियें,मन्नतों के अनगिनत धागे…॥ कितनी कही-अनकही बातों की साथ थी सरगम,यादों की अनगिनत लड़ियाँ भी साथ थी … Read more

जो सजता है संघर्षों से…

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* जो जीवन जूझे मुश्किल से, खुद मिटती उसकी कठिनाई।जो सजता है संघर्षों से, खुशियाॅं उसकी खुद ही आईं॥ प्रभु जी पार लगाते भव से, जग जीवन को गहना माने।सुख अपने दु:ख सबके बाॅंटे, सब पहचानें सब ही जानें।जीवन के पश्चात् भी रहते, जग में उसके ताने-बाने।कर लो सब संकल्पित खुद … Read more

ऐसे ही चलती है…

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** जिंदगी ऐसे ही चलती है।हर दिन हाथ से फिसलती है॥ जो सोचता हूँ, वह रह जाता है,समय का पहिया कुछ कह जाता है।फिर उठता हूँ हौंसले से, तो वह मिलती है।जिंदगी ऐसे…॥ एक दिन तो मेरा भी आएगा, यकीं है वक़्त खिल जाएगा।हूँ इंतजार में कि, खुशी की कब खिलती है,जिंदगी ऐसे…॥ … Read more