रचा मुझको, यही सम्मान
हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* विधाता ने रचा मुझको, यही सम्मान है मेरा।पिता-माता बने दाता, किया भगवान ने डेरा॥ तरसता मैं न दर्शन को, उन्हीं के साथ में रहता,बरसता प्यार उनका ही, सदा सुख से रहा करता।मिलीं ऑंखें मिला है मन, इन्हीं में ज्ञान का फेरा,तभी तो ज़िन्दगी में कर लिया भगवान ने डेरा॥विधाता ने … Read more