मानवता जीवन की शोभा

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* प्रेम-नेह को जब बाँटोगे, तब जीने का मान है।मानवता जीवन की शोभा, मिलता नित यशगान है॥ जाति-पाँति में क्या रक्खा है,ये बेमानी बातें हैं,मानव-मानव एक बराबर,ऊँच-नीच…

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बने मातृ भाषा जन-जन की

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)****************************************************** हिंदी और हमारी जिंदगी... हिन्द देश के हैं हम वासी,हिन्दी सबकी जान है।अपनी संस्कृति जीवित इनसे,इनसे ही पहचान है॥ संस्कृत से उद्गम यह भाषा,जीवन यही…

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जीवन भर सुख पाते

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* श्राद्ध पक्ष विशेष... श्राद्ध-कर्म से पितृ हमारे,परम तुष्ट हो जाते।पितरों के आशीषों से हम,जीवन भर सुख पाते॥ श्राद्ध-कर्म इक चेतना,यह तो पावन काम,श्राद्ध-कर्म नित मांगलिक,पुरखों का…

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हिन्दी दिवस सजाएं..

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************* हिन्दी और हमारी जिंदगी.... हिन्दी दिवस सजाएं, खुशियाँ सदा मनाएं।भारत की शान है ये, दुनिया में सब बताएं॥ थी चौदहवीं सितम्बर, उन्नीस सौ उनन्चास्,अधिकार…

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हिंदुस्तान हमारा है

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************************** जाग उठो ऐ वीर जवानों,हिंदुस्तान हमारा है।सबक सिखा दो अरि को रण में,जिसने भी ललकारा है॥ आँख नोंच लेना तुम उनकी,जो भी आँख लड़ाते हो।हाथ…

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राम कृष्ण की धरती

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************************************** राम कृष्ण की जन्म भूमि पर,क्यों होता है अत्याचार।हर पल हर क्षण यहाँ खून का,होता रहता क्यों व्यापार॥ इतना बड़ा मुल्क है फिर भी,छाया रहता…

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नव किरणें बिखराओ

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* विघ्नहर्ता गजानंद विशेष.... हे विघ्नविनाशक, बुद्धिप्रदायक, नीति-ज्ञान बरसाओ।गहन तिमिर अज्ञान का फैला, नव किरणें बिखराओ॥ कदम-कदम पर अनाचार है,झूठों की है महफिल।आज चरम पर पापकर्म है,बढ़े…

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देव तुम संसार के

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)***************************************** विघ्नहर्ता गजानंद विशेष….. विघ्नहर्ता श्री गणेशा, देव तुम संसार के।लाज तेरे हाथ में अब, दीन हम लाचार के॥ प्रार्थना स्वीकार करना, हे गजानन दास हम।भक्ति…

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आओ प्रियवर

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** भांति-भांति कुसुम आगवानी,पथ बिछाये तुम्हारे हैं।जूही गुलाब कली कुमुदनी,सँग मन भी उतारे है॥आओ प्रियवर देख रहे पथमादक नैन हमारे हैं… मन सितार सप्तसूर नवरस,भरकर मधुरम मृदुल भावरस।अधरो…

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वृक्ष लगाएं

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** ज्यों पालते बच्चे को हैं इसको भी पालिये,और प्यार-मुहब्बत की इसमें खाद डालिए। होकर बड़ा ये काम हमारे ही आयेगा,खाने को देगा फल ये ज़िन्दगी बचायेगा।प्राणवायु…

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