धरती को अभिमान है

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ गणतंत्र दिवस विशेष.... देख-देख जिसकी सम्प्रभुता,धरती को अभिमान है।कण-कण वाणीमय हो कहता,भारत देश महान है,मेरा देश महान है॥ यहां प्रकृति की है दिनचर्या,संयम में रहते दिन-रात।धरती की आग्या…

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गणतंत्र गान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* गणतंत्र दिवस विशेष... हिम्मत,ताक़त,शौर्य विहँसते,तीन रंग हर्षाये हैं।सम्प्रभु हम,है राज हमारा,अंतर्मन मुस्काये हैं॥ क़ुर्बानी ने नग़मे गाये,आज़ादी का वंदन हैज़ज़्बातों की बगिया महकी,राष्ट्रधर्म-अभिनंदन है।सत्य,प्रेम और…

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यही तो देश महान

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** गणतंत्र दिवस विशेष..... मेरा देश महान,ये भगवान नहीं,पर भगवान समान।मेरा जन्म हुआ,इसी की गोद में,यही माता समान।मेरा देश… कोयल,मोर,पपीहरा,स्वागत भोर का करें संगीत से,कोलाहल…

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जिएंगे-मरेंगे हिंदुस्तान के लिए…

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** गणतंत्र दिवस विशेष..... मातृ भू के मान,स्वाभिमान के लिए,गाँव,गली,खेत,खलिहान के लिए।तिरंगे की आन,बान,शान के लिए,जिएंगे-मरेंगे,हिन्दुस्तान के लिए॥ जात-पात,रंग-भेद को मिटाएंगे,दीन,दुखियों को गले से लगाएंगे।भटकों को सही रास्ता…

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नया एक सूरज उगाएँ

डॉ. आशा मिश्रा ‘आस’मुंबई (महाराष्ट्र)******************************************* गणतंत्र दिवस विशेष…. चलो हम सभी मिलके यह गीत गाएँ,दिलों में नया एक सूरज उगाएँ।ये भाषाओं के फूल,मोती धरम के,इन्हें गूँथ कर एक माला बनाएँ॥चलो……

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सजे आरती द्वार

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* गणतंत्र दिवस विशेष…. सजे आरती द्वार हमारे गीत खुशी के गायें।ऊँचे हिमालय की चोटी पर हम तिरंगा फहरायें॥ शान हिंद की रहे हमेशा,बहे प्रेम की धारा,वीर शहीदों…

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आओ आज़ादी अमृत महोत्सव मनाएँ

आशा जाकड़ ‘ मंजरी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)*********************************************** गणतंत्र दिवस विशेष…. आओ आज़ादी-अमृत महोत्सव मनाएँ।भारत की महिमा का हम गुणगान कराएँ॥ आजादी के पीछे छिपी है,वीरों की कुर्बानी,कण-कण बोल रहा आजाद भगत की जवानी।वीरों…

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सीमाओं के प्रहरी तेरा अभिनंदन

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* गणतंत्र दिवस विशेष.... सीमाओं के प्रहरी तेरा,करते सब अभिनंदन।तिलक भाल पर विजयश्री का,प्रस्तुत करता चंदन॥ रिपु को तुमने धूल चटाकर,परचम फहराया।हर जन ने उल्लासित होकर,विजयगान…

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हिन्दी का सम्मान करें

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** ले मशाल हाथों में मिलकर शुरू एक अभियान करें।अपनी राजभाषा हिंदी का दिल से हम सम्मान करें। हिंदी है पहचान देश की हिंदी ही है माँ…

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लौट कर आने लगे बगुले

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)*************************************** चार दिन की रोशनी है इन चुनावों के सफर में।लौट कर आने लगे बगुले परिंदों के शहर में॥ रह गए पीछे कहीं जो साथ चलते थे…

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