बंद करो अंधा संग्राम
विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ तलवारें खींचे पर आँखों को मींचे,नफरत के फटे शामियानों के नीचे।बंद करो अंधा संग्राम,भाई का भाई के नाम॥ आयातित ढोल और आयातित ताशे,अपनी सीमाओं पर हो रहे तमाशेशहर-शहर…