बंद करो अंधा संग्राम

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ तलवारें खींचे पर आँखों को मींचे,नफरत के फटे शामियानों के नीचे।बंद करो अंधा संग्राम,भाई का भाई के नाम॥ आयातित ढोल और आयातित ताशे,अपनी सीमाओं पर हो रहे तमाशेशहर-शहर…

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और मुझे भी गाने दो

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ प्रकृति परी तुम नाचो गाओ,और मुझे भी गाने दो। उठने दो तुम तरल तरंगें,मेरे भी उद्गारों मेंकरो न रूपसी कमी अल्प भी,दिये हुये उपहारों में।सरिता बन लहराना चाहूं,तो…

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जिन्दगी गीत है…

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ***************************** जिन्दगी गीत है गुनगुनाता हूँ मैं,धड़कनों की मधुर धुन सजाता हूँ मैं।दूर रहकर दिलों को मिलाता हूँ मैं,गीत से ही सभी को लुभाता हूँ…

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मानो सच भगवान इस रोटी को

गुरुदीन वर्मा ‘आज़ाद’बारां (राजस्थान)******************************** करो नहीं बर्बाद तुम,ऐसे इस रोटी को।मानो सच भगवान तुम,यारों इस रोटी को॥ इतनी मेहनत यह इंसान,करता है किसके लिए,इतनी दुआयें ईश्वर से हम,करते हैं किसके…

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आओ रे हमजोली

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* आयी सुंदर आज देख लो,रंग भरी ये होली।रंग भरी पिचकारी ले लो,आओ रे हमजोली॥ छेड़ो सब जन साज नगाड़ा,गाओ मिल-जुल गाना,बिछा रहे रंगोली जैसे,मौसम लगे सुहाना।मीठी…

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होली आई रे…

माया मालवेन्द्र बदेकाउज्जैन (मध्यप्रदेश)********************************** रंग और हम(होली स्पर्धा विशेष )… आजा आजा रे साँवरिया,हम तो होली खेलेंगे।होली खेलेंगे ओ कान्हा,तेरे संग फाग खेलेंगे॥ बरसाने की गुजरी,बन-ठन कर जब आयेगी,ललिता सखी…

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होली के रंगों से…

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************** रंग और हम(होली स्पर्धा विशेष )… रंग और हम,कितना सज के रहते हैं…हो…होली के रंगों से…होली के रंगों से…।भीगती हर चोली,चुनरिया होली में… हो…होली…

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रंगीला फागुन

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** रंग और हम(होली स्पर्धा विशेष )… फागुन आया है रंगीला फागुन आया है,फागुन आया है रंगीला फागुन आया है।उड़ रही रंगों की बौछार,जी रंगीला फागुन आया॥…

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पूरे ही डूबे थे हम

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ रंग और हम(होली स्पर्धा विशेष )… होली के रंगों की हम पर थी बारिश,पूरे ही डूबे थे हम।लाल हरे पीले में काफी उमंगें थीं,काला रँग रचता था ग़म॥…

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भारत की सबलाएँ हैं

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ समझो हमें न अबला हम तो,भारत की सबलाएँ हैं,जला गगन को भी दें ऐसी,जौहर की ज्वालाएँ हैं।तीर सदृश रणवीरों की ही,हम असीम तूणीर बनीरक्षा हेतु देश की अपने,लोहे…

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