धरती-अम्बर दोनों…

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* धरती-अम्बर दोनों आपस में दूरी रखते हैं।दोनों मिलकर रहते लेकिन दूरी से दिखते हैं।जीवन इनसे पलते हैं,धरती-अम्बर दोनों…॥ किरणें अम्बर से आकर धरती रौशन रखतीं हैं,सब नदियाॅं सागर से मिलतीं शीतल बन रहतीं हैं।प्रभु की रचना कितनी निर्मल, भेद नहीं होते हैं,जीवन इनसे पलते हैं।धरती-अम्बर दोनों…॥ जीवन को धरती-अम्बर मिलके … Read more

साबरमती के संत

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* गाँधी जयंती (२ अक्टूबर) विशेष… साबरमती के संत वतन आज़ाद कराया तुमने।ऐसा किया कमाल तुम्हारा नाम लगे सब जपने॥ सत्य, अहिंसा के शस्त्रों से, रिपु पर धावा बोला,‘वंदे मातरम्’ के शब्दों से सबने था मुँह खोला।बापू तुमने पूर्ण कर दिए आज़ादी के सपने,ऐसा किया कमाल तुम्हारा नाम लगे सब जपने…॥ अंधकार … Read more

युवाओं का वंदन

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* अंधकार में युवा शौर्य के,दीप जलाते हैं।देशभक्ति के मधुर तराने, नित वे गाते हैं॥ चंद्रगुप्त की धरती है यह, वीर शिवा की आन है,राणाओं की शौर्य धरा यह, पोरस का सम्मान है।वतनपरस्ती के आभूषण को,युवा सजाते हैं,देेशभक्ति के मधुर तराने,नित वे गाते हैं…॥ शीश कटा, क़ुर्बानी देकर, जिनने वतन सजाया,अपने हाथों … Read more

हरि जो‌ चाहे करवाएं

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासीसहारनपुर (उप्र)************************************************* हरि केवल प्रहलाद को नाहीं, हरि केवल ध्रुवदास को नाहीं।जो भी दृढ़ हो हरि-शरणागति उसके ही हैं नाथ सदाहीं॥ भक्त कोई संकल्प न करता हरि जो‌ भी चाहे करवाएं,न फल इच्छा न हो कामना हर कारज हरि जी निभवाएं।हरि चरनन निष्ठा फल पाहीं, हरि चरनन निष्ठा फल पाहीं,हरि केवल … Read more

संस्कारों की भाषा हिंदी

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* भक्ति, संस्कृति, और समृद्धि का प्रतीक ‘हिंदी’ (हिंदी दिवस विशेष)…. लेखक कवि की लेखनी का हिंदी ही तो गान है।हिंदी हमारी चेतना हिंदी हमारी शान है॥ सरगम के सुर सज रहे, और सज रहे साज हैं,तोतली भाषा में निकली, बालक की आवाज है।मुख कमल की मधुरिम वाणी, का हिंदी वरदान … Read more

तुम्हारी सेवा प्राणों से प्यारी

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासीसहारनपुर (उप्र)************************************************* आयी शरण में शिव जी मैं तो तुम्हारी।अब तो तुम्हारी सेवा प्राणों से प्यारी॥ जीवन का सार तुममें करके समाहित,अर्थी-कलश इच्छाओं का गंगाजल प्रवाहित।आकर मिटा दो स्वामी भव दुविधा सारी,अब तो तुम्हारी सेवा प्राणों से प्यारी…॥ ढांपो मेरे सब अवगुण प्रभु जी अपनाओ,नाम जपूं मन से तुम्हारा अब ना … Read more

धरती ख़ूब सजातीं

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* रचना शिल्प:२८ मात्रा प्रति चरण। १६, १२ पर यति… अम्बर से किरणें आकर के, धरती में बिछ जातीं।झीलों नदियों की सतहों पर, स्वर्ण रजत दिखलातीं॥ सूरज की किरणों ने धरती, में सोना बिखराया,निकला चंदा अम्बर में तो, चाॅंदी लेकर आया।इनकी किरणें हर जीवन को, प्रीत भली सिखलातीं,अम्बर से किरणें आकर … Read more

गुरुवर तुम हो दिव्य

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* तुमने दिया विवेक तो, हुआ सत्य का भान।तुमसे ही है दिव्यता, गुरुवर ऐ भगवान॥ हुआ सत्य का भान, नहीं तो मैं ढल जाता,कर लेता अवसान, धरा पर मैं पड़ जाता।चिंतन का उत्थान, तभी विधि को पहचाना,मेरे अधरों पर आया, सत् का नव गाना॥रचा बुद्धि का सार तब, यह बंदा गुणवान,तुमसे ही … Read more

हर पहर धरती

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* हर पहर धरती गगन में प्रेम के ये पल दिखे।पास रहकर दूर लगते चाहतों से हल दिखे॥ चाॅंद सूरज की किरण देती जमीं को रौशनी,रौशनी चहके धरा में सृष्टि की हो हंसिनी।जिन्दगी भी इस तरह से सज सके हलचल दिखे,हर पहर धरती गगन में…॥ आदमी के स्वार्थ से सजती खुशी … Read more

शिक्षा संंवारती मानस को

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ शिक्षक समाज का दर्पण…. जिसने यह जीवन दिया हमें भगवान उसी को कहते हैं।जो शिक्षक हमें पढ़ाते हैं,हम ग्यान उसी को कहते हैं॥ ये दुनिया है विशाल गाड़ी,इसके कोई तो चालक हैंये गुरु जी ही बतलाते हैं,हम तो छोटे से बालक हैंजो सीख हमें मिलती उनसे,वरदान उसी को कहते हैं…॥ हम समझ न … Read more