तिरंगा क्या कहता होगा ?

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* मरे मिटे थे जिसके खातिर,कितनों ने त्याग किया होगा।राजनीति में स्वार्थ देखकर,तिरंगा क्या कहता होगा॥ कितनी माँ-बहनों ने अपने,लाल कर दिए थे न्यौछावर।कितने जन आहूत हुए…

0 Comments

हमारा लोकतंत्र

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* हिम्मत, ताक़त, शौर्य विहँसते, तीन रंग हर्षाये हैं।सम्प्रभु हम, जनतंत्र हमारा, जन-जन तो मुस्काये हैं॥ क़ुर्बानी ने नग़मे गाये, आज़ादी का वंदन है,ज़ज़्बातों की बगिया महकी,…

0 Comments

सजे आरती द्वार

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* सजे आरती द्वार हमारे, गीत खुशी के गाएं।ऊँचे हिमालय की चोटी पर, हम तिरंगा फहराएं॥ शान हिंद की रहे हमेशा, बहे प्रेम की धारा,वीर शहीदों ने भारत…

0 Comments

आजाद वतन भारत

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* आजाद भारत की उड़ान.... आजाद वतन भारत की उड़ान सुनहरी है।इसकी संस्कृति जग में सम्मान से उभरी है। सम्मान तिरंगे का, देवों सा हुआ करता,भगवान…

0 Comments

आज़ादी का परचम

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ आजाद भारत की उड़ान... आओ इस बार दिखा दें दम,खुद चन्द्रयान में उड़ कर हम।अब अन्तरिक्ष में फहरायें,अपनी आज़ादी का परचम॥ वर्षों के तप से आँख खुली,लहरों में…

0 Comments

घन सावन के

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ पावन सावन-मन का आँगन... घनश्याम हुआ अम्बर सारा, झूमी धरती राधा बनके।चारों दिशि केवल प्यार दिखे, ऐसे छाये घन सावन के॥ बिजली चमके बादल गरजे,पानी बरसे चातक तरसेहरियाली…

0 Comments

मन मेरा पावस बिखराता

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* सावन की रिमझिम बदली-सा मन मेरा पावस बिखराता।कभी घटा घनघोर, कभी यह मन मयूर जैसा हो जाता॥ जब चाहत अगँड़ाई लेती, बंधन को यह नहीं मानता,लहरों के…

0 Comments

नारी का घटता आँचल

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* नारी का घटता आँचल तो, है दु:खभरी कहानी।नारी का अब देख रवैया, है आँखों में पानी॥ शील, सत्व को धारण करके, नारी ने दिखलाया,संस्कारों की गरिमा…

0 Comments

शिव अविनाशी

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* शिव अविनाशी घर-घर वासी, सब देवों में देवेश्वर है।महाकाल विकराल सदाशिव, लिंगराज हर भुवनेश्वर है॥ सोमनाथ विश्वेश महेश्वर महादेव शिव नागेश्वर है,भीमाशंकर चिता भूमि…

0 Comments

हर-हर महादेव

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* आदिपुरुष तुम, पूरणकर्ता, शिव, शंकर, महादेव।नंदीश्वर तुम, एकलिंग तुम, हो देवों के देव॥ तुम फलदायी, सबके स्वामी, तुम हो दयानिधान,जीवन महके हर पल मेरा, दो ऐसा…

0 Comments