नवप्रभात आया है

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* नवप्रभात आया है देखो,अब उजियार।उम्मीदों के सपने होंगे, अब साकार॥ हवा सुहानी अब चलती है,चारों ओर।निशा गई अब आया सूरज,हरेक छोर॥ सुख-दुख में सम रहो सभी यह,जीवन सार।नवप्रभात आया है देखो,अब उजियार॥ मन आल्हादित होता जब हो,सुख का भास।खुशियों का सूरज आता है,मन को रास॥ मन में बहती रहे प्रेम की,अविरल धार।नवप्रभात … Read more

रूप का प्याला

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)*********************************** छलकते रूप का प्याला,बना ये चाँद-सा मुखड़ा,लगे जैसे उतर आया,हसीं इक ख़्वाब का टुकड़ा।गगन के चाँद-तारे भी,तुम्हारे रूप पर मोहित,गुलाबी से अधर तेरे,सुनहरे रूप पर शोभित॥ निगाहों में सजे सपने,कहीं कोई झलक तो है,नहीं देखे उन्हें कोई,झुकी-सी ये पलक तो है।घनी जुल्फें घटा बनकर,चमकते चाँद पर छाई,बढ़ी हैं धड़कनें दिल … Read more

नया सवेरा आएगा

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) *************************************** रचनाशिल्प:मात्राभार -३०,यति -१६,१४,पदांत-२२२…. अब ‘कोरोना’ बीमारी का,शीघ्र अंत हो जाएगा।दु:ख की काली घटा छँटेगी,नया सवेरा आएगा॥ भुगता है बीते वर्षों से,इसने डेरा डाला था।अब भी इसके रूप निराले,जग समग्र को घेरा था॥अब प्रभावशाली टीके से,यह कोरोना हारेगा।दु:ख की काली घटा छँटेगी,नया सवेरा आएगा॥ कोरोना की बीमारी का,शीघ्र अंत हो जाएगा।दु:ख की … Read more

भारत की नारी

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)***************************************** नारी और जीवन (अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस)…. जाग उठो भारत की नारी,अत्याचार मिटाने को।झाँसी की रानी बन जाओ,फिर तलवार उठाने को॥ करो सामना डरो नहीं तुम,हिम्मत अब तो दिखलाओ।दानव बन कर घूम रहे जो,सबक उन्हें भी सिखलाओ॥कूद पड़ो तुम रणचण्डी बन,अपनी लाज बचाने को।जाग उठो भारत की नारी… मर्दानी बन लड़ना … Read more

सुरभित करती मानव जीवन

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* नारी और जीवन (अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस)…. सुरभित करती मानव जीवन,धरती वर वरदान है।सभी धुरी माँ केन्द्र धरा पर,नारी ही शुभ शान है॥ दिव्य किरण का तेज ओज वो,ईश्वर का अभिदान है।प्रथम शब्द से रहे अलंकृत,श्रेष्ठ ध्येय अरु ज्ञान है॥ तपोभूमि है मन नारी का,करती हर क्षण त्याग है।फलीभूत परिवार वहीं जो,नारी … Read more

महाशिवरात्रि

दिनेश कुमार प्रजापत ‘तूफानी’दौसा(राजस्थान)***************************************** शिवरात्रि विशेष…. नीलकंठ भोलेनाथ,गंगाधर गौरीनाथ।मन में हे! पशुपति,आशा बन जाइये॥ होवे नहीं बुरे काम,होवे रोज अच्छे काम।मेरे नयनों की तुम,छवि बन जाइये॥ छाई जग में निराशा,तुम से ही बस आशा।नफरत का जहर,तुम ही पी जाइये॥ करो विश्व का कल्याण,मेरे प्यारे विश्वनाथ।महा शिवरात्रि पर,वास कर जाइये॥

महादेव वंदन

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) *************************************** सरसी छंद आधारित…. करता वंदन महादेव की,आशुतोष भगवान।दीनानाथ दया के सागर,शंभू कृपानिधान॥ तेरी महिमा जग में न्यारी,विपदा हरिए नाथ।हे करुणानिधान कंसारी,योगी भोलेनाथ॥कैलाशी हे घट-घटवासी,शंकर दयानिधान।दीनानाथ दया के सागर, शंभू कृपानिधान…॥ त्रिशूलधारी त्रिकालदर्शी,त्रिगुण त्रिलोकीनाथ।त्रिरूपधारी त्रितापहारी,हे विश्वंभरनाथ॥त्रिनेत्रधारी त्रिपुंडधारी,कैलाशी दो ज्ञान।दीनानाथ दया के सागर,शंभू कृपा निधान॥ श्रीगंगाधर चंद्र माथधर डमरु करे निनाद।पन्नगभूषण मृगछाला तन,समाधिस्थ … Read more

माँ सरस्वती

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* हंसवाहिनी शारदे,मातु हमको तार दे।वीणापाणि सरस्वती,अज्ञान मिटाइए॥ विद्यादायिनी तारिणी,मात पुस्तकधारिणी।बुद्धि बल शक्तिदाज्ञान लौ जलाइए॥ धवल वस्त्रधारिणी,मात अज्ञानहारिणी।दिव्यालंकारभूषिता,सुख बरसाइए॥ कवि रचना संसार,अद्भुत और अपार।इसमें सुख वास है,दु:ख को मिटाइये॥ नाना इसके रूप है,कवि सृष्टि अनूप है।विधि की सृष्टि से बड़ा,डुबकी लगाइए॥ है ईश सृष्टि अपूर्ण,कवि सृष्टि परिपूर्णनव रस से सुंदर,कलम चलाइए॥ कवि … Read more

महान स्वर्ग से मही

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* वसुंधरा पुकारतीबढ़े सुवीर भारती।बढे चलो,बढ़े चलोसुशांति को विचार लो॥ महान स्वर्ग से महीसदैव पूज्य ही रही।करें सदैव आरतीयही हमें सँवारती॥ करें सभी सुकर्म हीतजें सभी अधर्म ही।सदैव चित्त शुद्ध होसभी सुखी समृद्ध हो॥ मिटे न ज्ञान मर्म हीयही बने सुधर्म ही।रहे कहीं न दीनतादिखे कहीं न हीनता॥ सदैव भ्रातृ भाव होन … Read more

जन गण मन की जीत हो

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)**************************************** गणतंत्र दिवस विशेष…. जन गण मन की जीत हो,जय हो भारत देश।चलो मनाये साथियों,ये गणतंत्र विशेष॥ ये गणतंत्र विशेष हो,भारत की जयकार।जनमानस में चेतना,मिले सभी अधिकार॥ मिले सभी अधिकार वो,सबका होवे न्याय।साथ-साथ मिलकर चलें,कोई छूट न पाय॥ शान तिरंगे की बढ़े,कभी न झुकने पाय।नील गगन की छाँव में,लहर-लहर लहराय॥ अमर … Read more