गीत खुशी के गाएंगे

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) *************************************** रचनाशिल्प:मात्रा भार-३०- यति-१६,१४-पदांत-२२२.... गीत खुशी के गाएंगे हम,मिलकर साथ निभाएंगे।जन-मन को अभिनंदन करके,सबको साथ मिलाएंगे॥ आज खुशी के अवसर पर सब,मिलजुल कर के गाएंगे।एक-दूसरे का सुख-दु:ख…

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संघर्ष का पर्याय जीवन

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* रचना शिल्प:कुल मात्रा भार -२५/यति-१६-९; पदांत २१२ क्षणभंगुर जीवन सकल यह,कर लोे कर्म को।गीता का भी सार यही है,जानो मर्म को॥इस जीवन का कर्त्तव्य सदा,बस पुरुषार्थ…

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सूनी राह

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) ************************************ सूनी-सूनी राह,नहीं है आना-जाना।सन्नाटा चहुँओर,बीत-सा रहा जमाना॥गलियाँ सारी बंद,सभी घर के है अंदर।खिड़की ताँके लोग,लगे जैसे हो बंदर॥ 'कोरोना' का खौफ,लोग डरते हैं सारे।सर्दी…

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पिताजी का साथ

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* प्रेम रखते हिय सदा अरु आधार है।शुभ पिता जिस घर सुखी परिवार है॥ नींव होते हैं पिता संस्कार है।एकता समभाव निर्मल प्यार है॥ आस है विश्वास…

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नया सवेरा आएगा

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) *************************************** रचना शिल्प:मात्राभार-३०,यति-१६-१४,पदांत-२२२ कोरोना की बीमारी का,शीघ्र अंत हो जाएगा।दु:ख की काली घटा छँटेगी,नया सवेरा आएगा॥ भुगता है बीते वर्षों से,इसने डेरा डाला है।अब भी इसके रूप…

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हरीतिमा हर दिशा

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ********************************** रचनाशिल्प:मात्राभार -२८(१६/१२),यति-२२ वर्षा आई रिमझिम-रिमझिम,ले आई हरियाली।सावन के स्वागत में देखो,झुकी फलों से डाली॥ घटा घनन-घन घिर-घिर आए,चम-चम चपला चमके।झम-झम झरती झर-झर वर्षा,दामिनी दम-दम दमके।हरीतिमा हर…

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भोलापन

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) ************************************ भोलापन का लिये चेहरा,घूम रहे सब लोग।गलती सभी छुपाकर बैठे,बढ़ जाते फिर रोग॥ समझ न पाये कोई जग में,चलते अपने चाल।पीछे पीठ चलाते गोली,फिर…

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दीपक

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** तम से लड़ा प्रतिपल रहा,चुपचाप दीपक जल रहा। लूटा उजाला जग सदातल तम समेटे ढल रहा। हो थरथरी लौ पुंज मेंछाया तनिक हलचल रहा। आलोक दे ले कालिमासंभल…

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कबीरदास

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* शुभ कबीर कविराज,जगत के है उजियारा।नेक दिया संदेश,मिटाया मन अँधियारा॥कासी रहा निवास,बोल नित सत गुण भाषा।बोले संत कबीर,सत्य ही मन परिभाषा॥ गुरुवर रामानंद,कबीर सत् पथ अपनाए।करके…

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खूब मजे करते थे हम

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************ मेरे पिता जी की साईकल स्पर्धा विशेष….. एक पुरानी साईकिल थी,खूब मजे करते थे हम।लिये पिता जी जब छोटे थे,चलने से डरते थे हम॥ आज…

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