महापर्व गणतंत्र दिवस

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* गणतंत्र दिवस विशेष..... महापर्व गणतंत्र,चलो शुभ दिवस मनाएँ।जनगण सुंदर गान, सभी मिलजुल कर गाएँ॥भारत का अभिमान, मान अरु शान तिरंगा।श्रेष्ठ यहाँ का नीर,जहाँ बहती माँ गंगा॥…

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मातृ वंदना

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* मातृ वंदना प्रथम करूँ मैं,जन-जन का अभिमान है।जन्म धरा है इस माटी में,जीव जगत की शान है॥ शुभ किसान जो अन्न उपजाते,वंदन उनको कीजिए।अमर शहीदों की…

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नारी

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** रचनाशिल्प: प्रत्येक चरण में ५+५=१० मात्रा... तुम नार अभिजात,गृह सेवा दिनरातकरे उफ न थकान,अधर पर मुस्कान। न कोमल कमल कली,वह वज्र हिय पलीछू पीर भामिनी,प्रेरणा स्वामिनी। नवभाव…

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ऊँच-नीच को मिटाया

दिनेश कुमार प्रजापत ‘तूफानी’दौसा(राजस्थान)***************************************** विवेकानन्द जयन्ती विशेष.... जिसका कंठ सुरीला,था युवा नेता छबीला,माँ शारदे के लाल की आरती उतारेंगे।ऊँच-नीच को मिटाया,नारी शिक्षा को बढ़ाया,विवेकानंद के पद,राम से पखारेंगे। भारती के…

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सदा सर्वप्रिय अटल

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) *************************************** अटलबिहारी वाजपेयी विशेष...... रचना शिल्प:२२ मात्रा,१२:१० पर यति,४ चरण,२-२ चरण समतुकांत रचते रचना महान,शब्द के पुजारी।गढ़ते स्वच्छंद पंक्ति,शुद्ध मन विचारी॥कर्म-धर्म-मर्म ज्ञान,शब्द सार भारी।राष्ट्रप्रेम भाव हृदय,शब्द अर्थ…

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असमानता

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) *************************************** न हो कभी असमान भावना,नहीं विषमता प्रेम हो।जग में रखना प्रेम भावना,कभी न मन उद्वेग हो॥ ईश्वर के ही जीव चराचर,वह सब कुछ है जानता।ईश्वर की…

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आनंद

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) *************************************** जीवन में उत्साह भरा हो,करो सुकर्म उमंग में।भर साहस उद्यम में मन हो,मिल-जुल कर के संग में॥ सकल पदार्थ दिए हैं प्रभु ने,है परिश्रम करना भलो,उद्यम…

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सदाचरण

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* नहीं दुराव,हो उठाव,आज तो पले विवेक।सही बहाव,हो उड़ान,रीति,नीति प्यार नेक॥सुशील हो,न कील हो,बढ़ोतरी करो विनीत।जहान धर्म-कर्म मान,मीत गीत हो पुनीत॥ महान ज्ञान वान संत,जो कहें…

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शत्-शत् नमन

डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)*********************************** रहे हो जा कहाँ पर तुम।        वतन की छोड़के गलियाँ॥सिसकते रह गए हैं सब।        चमन के फूल ये  कलियाँ॥उदासी…

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नया सवेरा आएगा

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) *************************************** रचना शिल्प: मात्राभार -३०,यति- १६,१४,पदांत-२२२ कोरोना की बीमारी का,शीघ्र अंत हो जाएगा।दु:ख की काली घटा छँटेगी,नया सवेरा आएगा॥ भुगता है बीते वर्षों से,इसने डेरा डाला है।अब…

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