पिताजी का साथ

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* प्रेम रखते हिय सदा अरु आधार है।शुभ पिता जिस घर सुखी परिवार है॥ नींव होते हैं पिता संस्कार है।एकता समभाव निर्मल प्यार है॥ आस है विश्वास…

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नया सवेरा आएगा

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) *************************************** रचना शिल्प:मात्राभार-३०,यति-१६-१४,पदांत-२२२ कोरोना की बीमारी का,शीघ्र अंत हो जाएगा।दु:ख की काली घटा छँटेगी,नया सवेरा आएगा॥ भुगता है बीते वर्षों से,इसने डेरा डाला है।अब भी इसके रूप…

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हरीतिमा हर दिशा

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ********************************** रचनाशिल्प:मात्राभार -२८(१६/१२),यति-२२ वर्षा आई रिमझिम-रिमझिम,ले आई हरियाली।सावन के स्वागत में देखो,झुकी फलों से डाली॥ घटा घनन-घन घिर-घिर आए,चम-चम चपला चमके।झम-झम झरती झर-झर वर्षा,दामिनी दम-दम दमके।हरीतिमा हर…

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भोलापन

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) ************************************ भोलापन का लिये चेहरा,घूम रहे सब लोग।गलती सभी छुपाकर बैठे,बढ़ जाते फिर रोग॥ समझ न पाये कोई जग में,चलते अपने चाल।पीछे पीठ चलाते गोली,फिर…

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दीपक

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** तम से लड़ा प्रतिपल रहा,चुपचाप दीपक जल रहा। लूटा उजाला जग सदातल तम समेटे ढल रहा। हो थरथरी लौ पुंज मेंछाया तनिक हलचल रहा। आलोक दे ले कालिमासंभल…

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कबीरदास

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* शुभ कबीर कविराज,जगत के है उजियारा।नेक दिया संदेश,मिटाया मन अँधियारा॥कासी रहा निवास,बोल नित सत गुण भाषा।बोले संत कबीर,सत्य ही मन परिभाषा॥ गुरुवर रामानंद,कबीर सत् पथ अपनाए।करके…

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खूब मजे करते थे हम

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************ मेरे पिता जी की साईकल स्पर्धा विशेष….. एक पुरानी साईकिल थी,खूब मजे करते थे हम।लिये पिता जी जब छोटे थे,चलने से डरते थे हम॥ आज…

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जीवन तो बस पेड़ जहाँ है

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* पर्यावरण दिवस विशेष..... आक्सीजन की मारा मारी। जीवन पर पड़ता है भारी।मानुष का नित रोना-धोना। दुश्मन बनता ये कोरोना॥ लोभ मोह निज हृदय बसाता। वृक्ष काटकर…

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श्रमजीवी हैं मूक-बधिर

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ********************************** मूक-बधिर जन श्रमजीवी हैं,हो शुभकामना।कर्म क्षेत्र में हों मेहनती,सह कर थामना॥ बुद्धि तेज अति भाव विचारक,उनको साथ दें।क्षमता करना उनसे मुश्किल,बस सह हाथ दें॥चलें साथ में…

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हे प्रकृति महाकवि

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ************************************************ रचनाशिल्प:कुल ३२ मात्राएं,१०-८-८-६ मात्रा पर यति। प्रत्येक पंक्ति के दो चरण विकल्प से समतुकांत तथा २-२ पंक्ति सम तुकांत। हे प्रकृति महाकवि,जन्मभूमि रवि,तुम पहाड़ के,गुरुवर हो।तुम…

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