लापरवाही
आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** लापरवाही देख लें, अनहोनी हो जाय। सब बच्चों को आज तो, वाहन ही है भाय॥ वाहन ही है, भाय जोश में, तेज चलाते। नियम बने जो, नित्य तोड़ते, मजे उड़ाते॥ ‘आशा’ कहती, अपनाते हैं, तानाशाही। घटती घटना, करते हैं जो, लापरवाही॥ जीवन तो अनमोल है, जीवन के दिन चार। है जो यातायात … Read more