दिव्यांग जन
आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** नेक व्यवहार-तन से होय भले ही, जो दिव्यांग।नहीं जानते लेकिन, करना स्वांग॥ पावन रहे भावना, सुंदर नेक।कोई दिव्यांग रहे, पर हम एक॥ हृदय भाव में रखते, सुंदर भाव।जीत सदा लेते हैं, नेक स्वभाव॥ खुद का पालन पोषण, भरते पेट।अपनी दु:ख-पीड़ा को, रखें समेट॥ नमन करौ सब दे दो,ये सम्मान।गर्व करो सब भारत, … Read more