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धरती का श्रृंगार करें हम

बोधन राम निषाद ‘राज’ 
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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स्वच्छ जमीन स्वच्छ आसमान….

आओ हम सब मिलकर साथी, पर्यावरण बचाएँगे।
मुक्त प्रदूषण स्वच्छ धरा को, सुन्दर स्वर्ग बनाएँगे॥

धरती का श्रृंगार करें हम, दुल्हन की जैसी दमके।
झूमें यहाँ बसंत बहारें, फूलों की कलियाँ महके॥
वृक्ष बिना जीवन है मुश्किल, आओ वृक्ष लगाएँगे।
आओ हम सब मिलकर साथी,…

स्वच्छ हवा ऑक्सीजन वाली, बहती है हरियाली से।
चिड़ियों का कलरव गूँजेंगा, इन पेड़ों की डाली से॥
आसमान पर उड़ते पंछी, मधुरिम गीत सुनाएँगे।
आओ हम सब मिलकर साथी,…

छिद्र हुए ओजोन परत को, वृक्ष लगाकर भरना है।
कार्बन डाईऑक्साइड को, हमें नियंत्रित करना है॥
जल से ही जीवन है समझो, जल बिन सब मर जाएँगे।
आओ हम सब मिलकर साथी,…॥

परिचय- बोधन राम निषादराज की जन्म तारीख १५ फरवरी १९७३ और स्थान खम्हरिया (जिला-बेमेतरा) है। एम.कॉम. तक शिक्षित होकर सम्प्रति से शास. उ.मा.वि. (सिंघनगढ़, छग) में व्याख्याता हैं। आपको स्व.फणीश्वर नाथ रेणू सम्मान (२०१८), सिमगा द्वारा सम्मान पत्र (२०१८), साहित्य तुलसी सम्मान (२०१८), कृति सारस्वत सम्मान (२०१८), हिंदीभाषा डॉट कॉम (म.प्र.) एवं राष्ट्रभाषा गौरव सम्मान (२०१९) सहित कई सम्मान मिल चुके हैं। प्रकाशित पुस्तकों के रूप में आपके खाते में हिंदी ग़ज़ल संग्रह ‘यार तेरी क़सम’ (२०१९), ‘मोर छत्तीसगढ़ के माटी’ सहित छत्तीसगढ़ी भजन संग्रह ‘भक्ति के मारग’ ,छत्तीसगढ़ी छंद संग्रह ‘अमृतध्वनि’ (२०२१) एवं छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल संग्रह ‘मया के फूल’ आदि है। वर्तमान में श्री निषादराज का बसेरा जिला-कबीरधाम के सहसपुर लोहारा में है।

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