रिश्ते रूपी पौधे में निरंतर छिड़कें प्यार और अपनापन

पी.यादव ‘ओज’झारसुगुड़ा (ओडिशा)********************************************** कहाँ गया रिश्तों से प्रेम…?… बड़ी अजीब-सी बात है। बात यदि रिश्तों की उठे तो, मन बड़ा मायूस हो जाता है। एक गहरी सोच में डूब जाता है मन! और एकाएक आँखों के सामने रिश्तों के तमाम चेहरे तैरने लगते हैं। मन रम जाता है उन रिश्तों की गुंथी माला में, जिसे … Read more

तनाव और व्यस्तता में गुम हैं रिश्ते

दीप्ति खरेमंडला (मध्यप्रदेश)************************************* कहाँ गया रिश्तों से प्रेम ?… ‘रिश्ता’ एक ऐसा शब्द है, जिसमें भावनाएं, आत्मीयता और समर्पण समाहित होता है, पर आज की भागती-दौड़ती ज़िंदगी में रिश्तों की परिभाषा बदलती जा रही है। जहां पहले रिश्ते नि:स्वार्थ प्रेम से जुड़े होते थे, आज वे सुविधा स्वार्थ से बंधे दिखते हैं। इसलिए यह प्रश्न … Read more

रच जाते कीर्तिमान

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** ईश्वर की इच्छा से ही संसार में सब कुछ होता है,कुछ लोगों की ज़िंदगी से, यही सत्य उजागर होता हैकोई मूक-बधिर होता है तो कोई नेत्रहीन पैदा होता,तो कोई किसी दुर्घटना में, अनचाहे अपंग हो जाता हैकुछ हैं जो ऐसा होने पर, बिल्कुल साहस खो देते हैं,ऐसे भी लोग हैं जो हर … Read more

बेटियों के लिए मोह बढ़ना अच्छा संकेत

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** दुनियाभर में माता-पिता आमतौर पर अब तक बेटियों की तुलना में बेटों को ज्यादा पसंद करते आ रहे हैं, लेकिन प्राथमिकताओं को लेकर वैश्विक दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण और बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि अब लड़के की तुलना में लड़कियों को अधिक … Read more

वर्तमान के रिश्तों में घात दुखद

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ कहाँ गया रिश्तों से प्रेम ? वर्तमान परिदृश्य में देखें तो सोशल मीडिया, फिल्म और वेबसाईट के अपराध दृश्यों की नक़ल असल ज़िंदगी में हो रही है, जिससे समाजिक ताना-बाना बिखरा हुआ नजर आ रहा है। इंसान की बढ़ती महत्वाकांक्षा के कारण राह से भटकती युवा पीढ़ी अपना आज तो … Read more

नवाचार की नई सुबह:पत्रकारिता में ‘कृत्रिम बुद्धिमता’

डॉ.शैलेश शुक्लाबेल्लारी (कर्नाटक)**************************************** आज के समय में जब तकनीक हर क्षेत्र को बदल रही है, पत्रकारिता भी इससे अछूती नहीं रही। खासकर हिंदी पत्रकारिता में अब ऐसे एआई एंकर (एआई) और चैटबॉट्स का प्रयोग बढ़ गया है, जो खबरें पढ़ते हैं, सवालों के जवाब देते हैं और कभी-कभी सजीव अपडेट भी देते हैं। उदाहरण के … Read more

नए विश्व के प्रणेता थे आचार्य महाप्रज्ञ

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** जन्म दिवस (२३ जून) विशेष… प्राचीन समय से लेकर आधुनिक समय तक अनेक साधकों, आचार्यों, मनीषियों, दार्शनिकों, ऋषियों ने अपने मूल्यवान अवदानों से भारत की आध्यात्मिक परम्परा को समृद्ध किया है, उनमें प्रमुख नाम रहा है-आचार्य महाप्रज्ञ। अपने समय के संत एवं मनीषी के रूप में जिनका नाम अत्यंत आदर एवं गौरव … Read more

बच्चों को योग का महत्व समझाएँ

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** स्वस्थ मन में ही स्वस्थ तन का विकास होता है। हमने अपने मन में न जाने नकारात्मकता का कितना कचरा भरा हुआ है। यदि स्वस्थ रहना चाहते हो तो इसे दूर करना बेहद जरूरी है और इसका उपाय है योग। योग हमारे देश की सबसे प्राचीन पद्धति है जिसमें कई बीमारियों का … Read more

सुपारी खाएं, दें नहीं

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन (हिमाचल प्रदेश)***************************************************** जब भी हम कोई जमीन या जायदाद खरीदते हैं तो उसकी रजिस्ट्री से पहले अखबार में विज्ञापन देते हैं कि हम फलां-फलां जमीन खरीद रहे हैं। यदि किसी को इस सम्बन्ध में आपत्ति हो तो दावा प्रस्तुत करें। किसी की किसी की आपत्ति न आने पर हम इसकी रजिस्ट्री … Read more

चलो बारिश का आंनद लें

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ इस रिमझिम बारिश की हल्की फुहारों, हँसी-मज़ाक व खुशियों के माहौल में धीरे-धीरे आज फिर बादल छाए हुए हैं, और हवा के साथ घनघोर आँधी-तूफान का यह साथ देखकर लगता है कि शुभ बरसात का आगमन हो गया है। इस बीच रंगत शहर-दर-शहर देखते ही बनती है।बारिश का मौसम है … Read more