रिश्तों का स्वर्ग है परिवार

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** ‘अन्तर्राष्ट्रीय परिवार दिवस’ (१५ मई) विशेष…. ‘वैश्विक परिवार दिवस’ दुनिया भर के लोगों में प्यार, सद्भाव, एकता को प्रोत्साहित करने के लिए समर्पित विश्व उत्सव है। संयुक्त राष्ट्र ने परिवारों के महत्व और उनके सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए इस दिन की स्थापना की है। परिवार … Read more

सुरक्षा संबंधी सूचनाएँ भारतीय भाषाओं में दी जाएँ

डॉ. अतुल कोठारीदिल्ली********************************* भारत और पाकिस्तान के बीच उत्पन्न तनाव एवं युद्ध की परिस्थितियों के बीच सरकार द्वारा जनता को जागरूक करने के लिए और रक्षा-सुरक्षा संबंधी निर्देश दिए जा रहे हैं। देश की जनता को उक्त सभी दिशा-निर्देश भली-भांति समझ में आएँ, इसके लिए यह आवश्यक है, कि ऐसे सभी निर्देश व अन्य सूचनाएँ … Read more

आतंक का विनाश ही सुरक्षित ज़िंदगी

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* आतंक, विनाश और जिंदगी (पहलगाम हमला विशेष)… ‘आतंक…’, ‘आतंक…’, ‘आतंकी…’ यह शब्द हम कई वर्षों से सुनते चले आ रहे हैं। वर्षों से कहीं-न- कहीं आतंकवादी घटनाएं होती आ रही हैं। हम उन्हें सुनते हैं, उसकी खूब बातें करते हैं, फिर भूल भी जाते हैं। यह हम मनुष्यों की प्रकृति … Read more

आतंकवाद:अड्डे नष्ट हों, मिलकर प्रयास करें

पद्मा अग्रवालबैंगलोर (कर्नाटक)************************************ भारत एक विशाल देश है, जहाँ की विशेषता विविधता में एकता सदा से रही है। हमारा संविधान सभी नागरिकों को समान अधिकार देता है, परंतु कुछ विरोधी लोग विविध संस्कृतियों के अद्भुत सामंजस्य के एकीकरण को तोड़कर देश को बिखेरने का प्रयास करते रहते हैं। वे अपने देश में आतंकी प्रशिक्षण शिविर … Read more

‘गुरुदेव’ के साथ चलती थी रौशनी

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** रवीन्द्रनाथ टैगोर जयन्ती (७ मई) विशेष… भारत के राष्ट्र-गान ‘जन गण मन’ के रचयिता एवं भारतीय साहित्य के नोबेल पुरस्कार विजेता रवीन्द्रनाथ टैगोर एक महान एवं विश्वविख्यात कवि, लेखक, साहित्यकार, दार्शनिक, समाज सुधारक और चित्रकार थे। उन्हें बांग्ला साहित्य के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नयी जान फूँकने वाले युगदृष्टा, युगस्रष्टा … Read more

आतंक की घाटी में लहूलुहान उम्मीदें

डॉ. मुकेश ‘असीमित’गंगापुर सिटी (राजस्थान)******************************************** आतंक, विनाश और ज़िंदगी (पहलगाम हमला विशेष)… वो सिर्फ पहाड़ नहीं थे, उम्मीदें थीं जो चूर-चूर हुईं। वो सड़कें सिर्फ रास्ते नहीं थीं, बल्कि उन पर चलती ज़िंदगियाँ थीं-जो कभी घर लौटने के लिए निकली थीं, अब नाम तक के साथ स्मृति बन चुकी हैं।२२ अप्रैल २०२५ की तारीख, कैलेंडर … Read more

इस्लाम का भी दुश्मन है पाकिस्तान

पद्मा अग्रवालबैंगलोर (कर्नाटक)************************************ आतंक, विनाश और ज़िंदगी (पहलगाम हमला विशेष)… पहलगाम आतंकी हमला कई प्रश्न खड़े करता है… आतंक का नया प्रयोग, सैलानी जो भूल चुके थे, कि काश्मीर आतंक का गढ़ रहा है, वहाँ जाना खतरे से खाली नहीं है। आतंकियों ने समझ-बूझ कर पर्यटकों को निशाना बनाया, ताकि शांति प्रक्रिया और प्रगति के … Read more

अब विश्व देखेगा भारत की ताकत

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ आतंक, विनाश और ज़िंदगी (पहलगाम हमला विशेष)… विकसित भारत का डंका जब पूरे विश्व में बज रहा है, यह कन्याकुमारी से कश्मीर तक है, तो इसकी संस्कृति के सभी कायल हो गए हैं। भारत की एकजुटता व भाईचारे-सौहार्द से दुनिया भी मुरीद है, फिर ऐसे समय में भारत को तिरछी … Read more

हिन्दू संस्कृति को पुनर्जीवित किया अलौकिक संत ने

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** आदि शंकराचार्य जयन्ती (२ मई) विशेष… महापुरुषों की कीर्ति युग-युगों तक स्थापित रहती है। उनका लोकहितकारी चिंतन, दर्शन एवं कर्तृत्व कालजयी होता है, सार्वभौमिक, सार्वदैशिक एवं सार्वकालिक होता है और समाज का मार्गदर्शन करता है। आदि शंकराचार्य हमारे ऐेसे ही एक प्रकाशस्तंभ हैं जिन्होंने एक महान हिंदू धर्माचार्य, दार्शनिक, गुरु, योगी, धर्मप्रवर्तक … Read more

पाक:कूटनीतिक एवं रणनीतिक दबाव से पंगु बनाना होगा

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** पाकिस्तान की पहचान एक ऐसे देश के रूप में है, जो कमजोर है, असफल है, कर्ज में डूबा है, अपने नागरिकों के हितों की रक्षा करने में नाकाम है, आतंक की नर्सरी एवं प्रयोगशाला है, ढहती अर्थव्यवस्था है। इन बड़ी नाकामियों को ढ़कने के लिए ही वह कश्मीर का राग अलापता रहा … Read more