नीम का पतझड़…स्वर्णिम पत्तों की बारातें…

संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)****************************** पिछले इतवार को गाँव जाना हुआ। जाते वक्त रास्ते में ही बसंत की दस्तक महसूस होने लगी थी। बोगनवेलिया पर नया खुमार चढ चुका है, जहां-तहां पलाश केसरिया रंगों से पूरे जंगल में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। शाल्मलियों के पेड़ों ने गजब ढा दिया है। लता वल्लरियों पर बसंत … Read more

अहिंसक व शांतिपूर्ण समाज रचना की बहुत जरूरत

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** विश्व शांति और समझ दिवस (२३ फरवरी) विशेष… एक शांतिपूर्ण एवं सौहार्दपूर्ण समाज के निर्माण, विविध संस्कृतियों, धर्मों और क्षेत्रों के बीच सद्भाव, करुणा और सहयोग की स्थायी भावना की अपेक्षा को आकार देने के लिए हर वर्ष ‘विश्व शांति एवं समझ दिवस’ (२३ फरवरी) विश्व स्तर पर मनाया जाता है। यह … Read more

धर्म-स्थलों में खत्म हो दर्शन में भेदभाव

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** मन्दिरों, धर्मस्थलों एवं धार्मिक आयोजनों में बहुत महत्वपूर्ण व्यक्ति (वीआईपी) संस्कृति एवं उससे जुड़े हादसों एवं त्रासद स्थितियों ने न केवल देश के आम आदमी के मन को आहत किया है, बल्कि भारत के समानता के सिद्धान्त की भी धज्जियाँ उड़ा दी है। मौनी अमावस्या के महाकुंभ में भगदड़ के चलते ३९ … Read more

आधुनिक होते विचार ही हमारा दुःख…

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ वर्तमान समय में मनुष्य के विचार आधुनिक होते जा रहे हैं। इस दुनिया में जब हम माँ-बाप की अंगुली पकड़कर आए थे, तो खुशी का सुखद अहसास हुआ करता था। हमारे परिजनों ने हमें अच्छा बच्चा बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। हमें अच्छी शिक्षा दी, संस्कार व सभ्यता … Read more

इश्क़ न माने हद

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** शहर की आपा-धापी से बहुत दूर घने पेड़ों की छाँव में बसा है, मेरा छोटा-सा गाँव, जहाँ जगह-जगह देव स्थलियाँ हैं। भांति-भांति के मंदिर हैं और उनको पूजने वाले बहुत से श्रद्धालु दूर-दूर से गाँव में दस्तक देते हैं।गोकल गाँव का एकमात्र ऐसा कलाकार लोहार है, जिसकी कलाकृतियों से आस-पड़ोस के … Read more

संस्कारों को क्यों धूमिल कर रहे ?

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** इंटरनेट मीडिया प्रभावक (इन्फ्लुएंसर) एवं यू-ट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया ने माता-पिता की गरिमा को आहत करने वाली अश्लील, अपमानजनक एवं विवादास्पद टिप्पणी करते हुए भारतीय संस्कारों एवं संस्कृति को धुंधलाने का घिनौना एवं अक्षम्य अपराध किया है। भले ही इसके लिए माफी मांगी गई हो, लेकिन रणवीर ने हास्य कलाकार समय रैना के … Read more

जड़ों को सींचना पड़ेगा

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* अश्लीलता… अब टी.वी., फिल्मों इत्यादि-इत्यादि के पर्दे से निकलकर, लाइव टेलेंट शो के मंच पर पहुंच गई और हमारी संस्कृति- सभ्यता से संबंधित विभाग, समाज को संभालने का दावा करते बुद्धिजीवी वर्ग गहरी नींद में सो रहे हैं। ढेरों अखबारों के, इंस्टाग्राम, फेसबुक के पृष्ठ इसके विरोध में चिल्ला-चिल्लाकर अपने विचार … Read more

रेडियो:यादों की धुन पर सजा सफ़र

डॉ. मुकेश ‘असीमित’गंगापुर सिटी (राजस्थान)******************************************** अभी ‘विश्व रेडियो दिवस’ गया…। हमारी उम्र के आसपास के साथी रेडियो के साथ अपनी यादों को कैसे विस्मृत कर सकते हैं.., तो मैंने भी अपनी यादों की कैसेट पीछे घुमाई…। रेडियो से जुड़ी यादें बचपन से ही मेरी ज़िंदगी का हिस्सा रही हैं। हालाँकि, आजकल बचपन में असली बचपन … Read more

‘कृत्रिम मेधा’ क्रांति में दुनिया का नेतृत्व करे भारत

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** पेरिस में हुए ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता’ (एआई एक्शन समिट) सम्मेलन ने जहां दुनिया के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता के महत्व को उजागर किया, वहीं यह भी साफ कर दिया कि इस मामले में होड़ के बावजूद सभी देशों का आपसी तालमेल बनाए रखते हुए सावधानी से आगे बढ़ना जरूरी है। एआई से बदलती दुनिया … Read more

नशे की विनाशलीला रचता युवा वर्ग

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ महानगर हो या अन्य शहर, कल तक जो युवाओं को नई पीढ़ी को संस्कारवान बनने की दिशा दिखाते थे, वह अब खुद आज सिगरेट के धुएं से लेकर नशे में डूबे हुए हैं। शराब, बीयर व अन्य नशीले पदार्थ के सेवन की बिंदास तस्वीरें हर एक शहर की है। आखिर … Read more