देश को मंदिर-मस्जिद विवादों से निकलने की आवश्यकता

ललित गर्ग दिल्ली************************************** दुर्भाग्यपूर्ण है कि उत्तर प्रदेश के संभल में एक बार फिर सम्प्रदाय विशेष के लोगों ने जो हिंसा, नफरत एवं द्वेष को हथियार बनाकर अशांति फैलाई, वह भारत की एकता, अखण्डता एवं भाईचारे की संस्कृति को क्षति पहुँचाने का माध्यम बनी है। अदालत के आदेश पर मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा … Read more

समुचित विकास की योजनाएं चाहिए, ताकि भाग्य उज्ज्वल हो

ललित गर्ग दिल्ली************************************** हममें से प्रत्येक को बच्चों के अधिकारों की वकालत करने, उन्हें बढ़ावा देने, उनके शोषण को रोकने, उनका समग्र विकास करने और बच्चों का उत्सव मनाने के लिए एक प्रेरणादायी अवसर के रूप में ‘सार्वभौमिक बाल दिवस’ मनाया जाता है। इसकी स्थापना १९५४ में हुई थी। बाल अधिकारों की घोषणा बच्चों के … Read more

पुरुषों का अस्तित्व बड़ा प्रश्न

ललित गर्ग दिल्ली************************************** ‘अन्तर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस’ (१९ नवम्बर) विशेष… दुुनिया में अब महिला दिवस की भांति पुरुष दिवस प्रभावी रूप में बनाए जाने की आवश्यकता महसूस की जाने लगी है। पुरुष भी अपने शोषण एवं उत्पीड़ित होने की बात उठा रहे हैं। अब पुरुषों पर भी उपेक्षा, उत्पीड़न एवं अन्याय की घटनाएं पनपने की बात … Read more

जीवन-यापन के लिए भीख मांगने की आवश्यकता नहीं

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** भिखारियों को भिक्षा देनी चाहिए या नहीं, इसी के साथ यह भी जोड़ देती हूँ कि खुले में घूमते अनाथ पशुओं को (गाय माता) को अपने घर के सामने बुला कर या गली चौबारे में जूठा, बचा-खुचा या शुद्ध कोरा ही खिलाना पिलाना चाहिए या नहीं!मेरा विचार और उत्तर है- कदापि ‘नहीं।’ … Read more

समाज-धर्म क्रांति के पुरोधा रहे

ललित गर्ग दिल्ली************************************** गुरुनानक देव जयन्ती (१५ नवम्बर) विशेष…. भारतीय संस्कृति में गुरु नानकदेव एक महान पवित्र आत्मा थे, वे ईश्वर के सच्चे प्रतिनिधि थेे। सिख धर्म के १० गुरुओं की कड़ी में प्रथम गुरु नानक हैं। अणु को विराट के साथ एवं आत्मा को परमात्मा के साथ एवं आत्मज्ञान को प्राप्त करने के एक … Read more

आज दयालु चरित्रवान व्यक्तियों की जरूरत

ललित गर्ग दिल्ली************************************** ‘विश्व दयालुता दिवस’ (१३ नवम्बर) विशेष… ‘विश्व दयालुता दिवस’ दुनिया के मानव समुदायों में अच्छे कार्यों को उजागर करने के लिए मनाया जाता है, जिसमें सकारात्मक शक्ति, मानवीय संवेदनाओं और दयालुता के सामान्य जीवन-सूत्र पर ध्यान केंद्रित करते हुए इंसान से इंसान को जोड़ने का उपक्रम किया जाता है। दयालुता मानवीय स्थिति … Read more

दरिद्रता होने पर इतराना क्यों ?

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** आज ऐसा कौन है जो दरिद्र नहीं। हर किसी को किसी न किसी प्रकार की दरिद्री है। दरिद्र कई प्रकार‌ के होते हैं,-धन से, तन से, ज्ञान से, समझ से, मन से, रूप से, गुण से, जन से और स्वास्थ्य से।इस संसार में सम्पूर्ण कुछेक जन ही हैं। एक बलिष्ठ सकल अंगों … Read more

‘विशेष दर्जे’ की बहाली का प्रस्ताव अंधेरे का संकेत

ललित गर्ग दिल्ली************************************** नेशनल कॉन्फ्रेंस एवं उमर अब्दुला सरकार ने सदन में अपने बहुमत का लाभ उठाते हुए बिना अनुच्छेद ३७० की पुर्नबहाली शब्द का इस्तेमाल कर विशेष दर्जे की बहाली का प्रस्ताव तीखी झड़पों, हाथापाई, लात-घूंसे एवं शोर-शराबे के बीच ध्वनिमत से पारित कराकर साबित कर दिया है कि वह पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के … Read more

समृद्धि के बावजूद धनाढ्यों का पलायन क्यों ?

ललित गर्ग दिल्ली************************************** भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थ-व्यवस्था बनने के साथ समृद्धि और संपन्नता के नए शिखरों पर आरोहण कर रहा है। भारत की आर्थिक प्रगति सकारात्मक दिशा में बढ़ रही है। हालिया आँकड़ों के अनुसार-देश में सोने का भंडार नई ऊँचाई पर पहुँच गया है, दूसरी तरफ स्टार्ट-अप की संख्या में भी … Read more

यही राष्ट्रवाद के उदय का सम्मान

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ “भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ।” यही भाव हम सभी का होना चाहिए। राष्ट्रवाद के हिलोरे ले रहे इस सफरनामा में कुछ ऐसे वाकिए, घटना, अनहोनी कहें या फिर हमारा अपने देश के प्रति समर्पण के भाव का दृष्टिकोण, जिसमें राष्ट्र ही सर्वोपरि रहा हो, तो … Read more