सनातन संस्कृति के महत्वपूर्ण प्रतीक हैं ‘शिखा’ एवं ‘यज्ञोपवीत’

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** सनातन संस्कृति के २ महत्वपूर्ण प्रतीक माने जाते हैं, एक 'यज्ञोपवीत' और दूसरी 'शिखा।'वास्तव में सनातन संस्कृति के हर छोटे-बड़े प्रतीक या हर छोटी-बड़ी बातें अत्यन्त महत्वपूर्ण…

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रोगी के लिए देवदूत नर्स

ललित गर्गदिल्ली************************************** अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस (१२ मई)विशेष... एक चिकित्सक और रोगी के बीच में सूत्रधार की भूमिका निभाते हुए एक नर्स उसे स्वस्थ ही नहीं करती, बल्कि तमाम तरह की…

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बच्चों हेतु स्मार्टफोन कितना जरूरी ?

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** सरोकार... कभी-कभी यह विचार आता है कि, आज से ५० साल पहले हमारे जमाने में टी.वी, मोबाइल या इस तरह के सामाजिक सन्देश (सोशल मीडिया) का चलन होता…

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अशांति के कोहराम में हास्य अनमोल उपहार

ललित गर्गदिल्ली************************************** अच्छे स्वास्थ्य, मानसिक शांति एवं समग्र विकास के लिए हास्य जरूरी है। इसीलिए 'विश्व हास्य दिवस' विश्वभर में मई महीने में मनाया जाता है। आज के तनाव, अशांत,…

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समलैंगिक शादी:बर्बादी का मुख्य कारण

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** भारत देश में शादी पाणिग्रहण को एक महत्वपूर्ण संस्कार माना जाता है या होता है। ऐसे में समलैंगिक शादी पशुता की निशानी है। आज विजातिय शादी, उसके बाद…

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कैसे सम्भव है देश का विकास

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** सामाजिक विषमताओं और विकृतियों को लेकर चिन्तित एवं उद्विग्न मानस ने जब मुझे रात्रि के तीसरे पहर कचोटा तो मुझसे रहा नहीं गया। एकाएक आँखें खुली…

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जीवन का सुख

प्रो. लक्ष्मी यादवमुम्बई (महाराष्ट्र)**************************************** जीवन के दो पहिए हैं सुख और दु:ख। सुख का अर्थ है खुशी। प्रत्येक मनुष्य के जीवन में अलग-अलग तरह की खुशियाँ होती है। कुछ अधिक…

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जरुरत है उपदेशों को जीवन में ढालने की

ललित गर्गदिल्ली************************************** बुद्ध पूर्णिमा (५ मई) विशेष... गौतम बुद्ध एक प्रकाशस्तंभ है, उनका लोकहितकारी चिन्तन एवं कर्म कालजयी है और युग-युगों तक समाज का मार्गदर्शन करता है। बुद्ध पूर्णिमा को…

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गाय के गोबर की महत्ता

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** सनातन संस्कृति के जितने भी आर्श ग्रंथ हैं, लगभग सभी ने गाय के महत्व को स्वीकारा है। गाय में ३३ कोटि देवताओं का वास बताया गया है।…

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जहरीले भाषणों की दिन-प्रतिदिन गंभीर होती समस्या

ललित गर्गदिल्ली************************************** कर्नाटक में चुनावों को लेकर नफरती सोच एवं घृणित भाषण का बाजार बहुत गर्म है। राजनीति की सोच ही दूषित एवं घृणित हो गयी है। नियंत्रण और अनुशासन…

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