भाषा की हाथापाई…?

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ विविधताओं के भारत में फिर एक बार हिन्दी की बिंदी पर प्रश्न चिन्ह लगाने वाले लट्ठमार लोग निकल रहे हैं। इसका कितना कष्ट व कितना संघर्ष और देखने को मिलेगा ?‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का बैनर लेकर ख्यालीराम जी चल रहे थे। पदयात्रा है, कि यह कोई सोशल मिशन भैय्या … Read more

खामोश यादें

दीप्ति खरेमंडला (मध्यप्रदेश)************************************* आज सुरम्या को गए २ दिन हो गए। कभी सोचा नहीं था, वह अचानक चली जाएगी। वह जब तक थी, कभी उसकी तरफ विशेष ध्यान ही नहीं गया। बस है घर में तो है, उसमें विशेष ध्यान देने वाली क्या बात ?, यह मेरा सोचना था। मेहमान भी लगभग जा चुके थे। … Read more

भ्रष्टाचार से सभी को होता लाभ

डॉ.शैलेश शुक्लाबेल्लारी (कर्नाटक)**************************************** ‘भ्रष्टाचार’ एक ऐसा जादू है, जो हर सरकारी दफ्तर में चुपचाप काम करता है। यह बाहर से बुरा दिखता है, लेकिन अंदर से बहुत काम का होता है। जहाँ नियम-कायदे रेंगते हैं, वहाँ भ्रष्टाचार दौड़ता है। यह अफसरों को थकान से बचाता है, बाबुओं को मुस्कुराने की वजह देता है और आम … Read more

ब्रिक्स:भारत का बढ़ता वर्चस्व संतुलित दुनिया का आधार

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** ब्राजील के रियो डी जनेरियो में १७वें ब्रिक्स सम्मेलन में सदस्य देशों ने संयुक्त घोषणा-पत्र जारी किया। इसमें पहलगाम आतंकी हमले और ईरान पर इजराइली हमले की निंदा की गई। इससे पहले क्वाड ग्रुप के विदेश मंत्रियों की बैठक में भी पहलगाम हमले की निंदा की गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने … Read more

दिल में दरवाजे बनाएं, दीवारें कभी नहीं

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** कहाँ गया रिश्तों से प्रेम…?… किसी वृद्ध ने बहुत ही सुंदर बात कही है,-“आज की पीढ़ी इकठ्ठा करने के लिए जी रही है,और हमारी पीढ़ी इकठ्ठा रहने के लिए जीती रही।जब से सबके अपने अपने मकान हो गए,सगे भाई भी एक-दूसरे के मेहमान हो गए।”यह आज की कड़वी सच्चाई है। आजकल बच्चे … Read more

मिलकर कुछ ठोस निर्णय लेने होंगे

संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)********************************************* कहाँ गया रिश्तों से प्रेम…?… अभी कुछ दिन पहले मप्र की एक शादीशुदा महिला ने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या कर दी, जो उससे बेहद प्यार करता था। अन्य प्रदेशों भी ऐसी चौंकाने वाली खबरें आए-दिन आती रहती हैं। भाई-भाई की आपसी दुश्मनी, औरतों के एक-दूसरी के खिलाफ जानलेवा … Read more

मौन में घुट रहा प्रेम

पद्मा अग्रवालबैंगलोर (कर्नाटक)************************************ कहाँ गया रिश्तों से प्रेम…?… निःसंदेह प्रेम रिश्ते से बढ़ कर होता है। प्रेम से तो ऐसा संबंध बन जाता है, जो अतुलनीय होता है। रिश्ते तो अपने पारिवारिक संबंधों पर आधारित होते हैं। प्रेम को मापने के लिये तो कोई कसौटी ही अभी तक नहीं बनी है। यदि प्रेम नहीं है, … Read more

कहाँ गया वो आपसी मेलजोल

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** कहाँ गया रिश्तों से प्रेम…?… एक आक्रोश उभरता है मेरे मन में, कैसे निडर हो गए हैं आजकल बच्चे। माँ इतनी देर से पुकार रही है पर कुछ जवाब ही नहीं दे रहे हैं, बैठे होंगे कान में इयर फ़ोन लगा कर…। क्या समय आ गया है रिश्तों की कोई मान्यता ही … Read more

राजनीतिक संघर्ष नहीं, ‘सेतु’ बनाएँ हिन्दी को

ललित गर्ग दिल्ली*********************************** दक्षिण भारत के विभिन्न राज्यों में हिन्दी विरोध की राजनीति अब महाराष्ट्र में भी उग्र से उग्रत्तर हो गई, इसी कारण त्रिभाषा नीति को महाराष्ट्र में लगा झटका दुखद और अफसोसजनक है। आखिरकार राजनीतिक दबाव, लम्बी रस्साकशी और कशमकश के बाद महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने विद्यालयों में हिंदी की पढ़ाई … Read more

कहीं देर न हो जाए…?

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* सोने की चिड़िया को तो छोड़ दो, शर्म और संस्कार की चिड़िया को भी उड़ा दे रही है ये अश्लील सीरिज और आजकल की अश्लील फिल्में। सो जाओ… गधे-घोड़े बेच के सब लोग सो जाओ। जिसको जहां से देश में छेद करना है, करने दो।ये क्या है सच्चाई के नाम पर … Read more