ये पागल कौन मुआ है

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ********************************************************************* जो भी जी चाहे वो मिल जाये,ऐसा भी कहीं हुआ है हवा भी हवा हो जाती है,जिसने तो सबको छुआ हैl राख हो जाती है…

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बेटियाँ

डाॅ.आशा सिंह सिकरवार अहमदाबाद (गुजरात )  **************************************************************** एक मजदूर की बेटी, जब स्कूल जाने की इच्छा जताती है उस रात पिता को नींद नहीं आती है, पहुंचाते हुए बेटी को…

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रे कपूत!अब भी संभल

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** गाली दे दे एक को,तुम बना दिये स्टार। जनता अब बुद्धू नहीं,जीते चौकीदारll गाली दे थकते नहीं,बहुसंख्यक को आज। लोकतंत्र है शर्मसार,बन वोट…

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प्रीत की पुकार से

प्रभात कुमार दुबे(प्रबुद्ध कश्यप) देवघर(झारखण्ड) *********************************************** प्रीत की पुकार सेl रीत की गुहार सेl हो नहीं अधीर-सा। ठोक ताल बीर-सा। है धरा पुकारती। है तुझे गुहारती। सत्य पे डटे रहो।…

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चुनाव

सौदामिनी खरे दामिनी रायसेन(मध्यप्रदेश) ****************************************************** सत्यता की शपथ वह खाने लगे हैं, जबसे चुनाव करीब आने लगे हैं। फिर वादों का अंबार होगा, फिर माइक पे एलान होगा फिर एक दूजे…

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मतदान जागरूकता

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* जागरूक होकर करो,मतदाता मतदान। राजधर्म निर्वाह को, करिये ये शुभदानll सब कामों को छोड़कर,करना है यह काम। एक दिवस मतदान का,बाकी दिन आरामll सही करो मतदान…

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घोंसला

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* तिनका-तिनका चुन-चुन पँछी ने, बनाया एक नीड़ सजाया उसे, कपड़ों की चिन्दी उलझे धागों और टूटी-फूटी चीजों से, ताकि आने वाले नन्हें चूजों को जरा-सी…

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आतंक

गंगाप्रसाद पांडे ‘भावुक’ भंगवा(उत्तरप्रदेश) **************************************************************** प्रार्थना में उठे हाथ, उड़ गये चीथड़े। दीवारों पे बिखरा रक्त, लोग इधर उधर पड़े मिले। चारों ओर सिर्फ चीखें, कौन मनाये ईस्टर। पूरा चर्च…

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माँ की सीख..

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** चाहे पथ पर बाधाओं के, शैल-शिखर से उठते हों। चाहे पग पर पराभवों के, शूल नुकीले चुभते हों॥ मैं साहस के जुगनू लेकर, पथ पर…

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भटकते युवा सोचो बारम्बार

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** ना करो तुम इतना प्यार कष्ट मिलेगा बारम्बार, झूठ-फरेब का सपना आएगा- हो जाओगे बर्बाद। लक्ष्य तुम्हारा मिट जाएगा दुःख-संकट से घिर जाओगे, इस जहाँ में…

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