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मतदान जागरूकता

बाबूलाल शर्मा
सिकंदरा(राजस्थान)
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जागरूक होकर करो,मतदाता मतदान।
राजधर्म निर्वाह को, करिये ये शुभदानll

सब कामों को छोड़कर,करना है यह काम।
एक दिवस मतदान का,बाकी दिन आरामll

सही करो मतदान तो,हो उत्तम सरकार।
मन का प्रत्याशी चुनो,मत दे कर हर बारll

डरो नहीं,झिझको नहीं,रहे प्रशासन संग।
अच्छा प्रत्याशी चुनो,लोकतंत्र के अंगll

अब आलस को त्यागिए,चलो बूथ पर आज।
निर्भय हो मतदान कर,लोकतंत्र के काजll

मन से जो मतदान हो,हो अच्छी सरकार।
कर चुनाव सरकार का,सुख से जीवन सारll

पहचान-पत्र साथ ले,जाना देने वोट।
आना नहीं है लोभ में,भय दारू या नोटll

ई.वी.एम. मशीन से,करना है मतदान।
यह अपना अधिकार है,इसको सब लें जानll

सबको प्रेरित कर चलो,करना है मतदान।
मत के बल सरकार है,लोकतंत्र की शानll

निष्पक्षी मतदान से,हो चुनाव हर बार।
अच्छे नेता जीतकर,बने भली सरकारll

लोकतंत्र की रीढ़ हो,मतदाता भगवान।
तुमसे ही सधते सदा,सब जन के अरमानll

अच्छे लोगों को चुनो,बने भली सरकार।
सबका साथ विकास हो,नव विचार संचारll

सर्व मुख्य अधिकार है,लोकतंत्र मतदान।
इसका सद उपयोग हो,रहो मती अनजानll

बी.एल.ओ. से बात कर,नाम सूचना जान।
साथ रखो पहचान भी,फिर करना मतदानll

झूठे झाँसों से बचो,अंतर्मन की मान।
जाति पंथ को भूलकर,करना है मतदानll

सभी प्रलोभन त्याग के,रख मन का ईमान।
अच्छे से अच्छा चुनें,मन से कर मतदानll

नागरिकों के काम हो,ऐसी हो सरकार।
सबक सुने नुमाइंदा,मतदाता मनुहारll

मूल तत्व मतदान है,लोकतंत्र की शान।
निर्माता सरकार के,मतदाता हैं जानll

वर्ष अठारह आयु हो,लिख सूची में नाम।
मतदाता बन नागरिक,वोट देय आरामll

बहू-बेटी सब साथ में,मतदाता अधिकार।
सोच-समझ मतदान कर,सपने हों साकारll

मत का सत उपयोग हो,लोकतंत्र के माँहि।
हो विकास नित ही नये,देश चमन हो जाँहि॥

मत की शक्ति अनूप है,करो वोट भरपूर।
जाति-पाँति लालच बला,इनसे रहकर दूर॥

संसद और विधायिका,हैं सब मत के जोर।
जागरूक मतदान हो,सत प्रेरण पुरजोर॥

जनता के सेवक चुनो,कर्मठ और निष्काम्।
मतदाता भगवान हैं,जब चुनाव हों आम॥

बहकावें में दे दिया,तुमने गर जो वोट।
वर्षों तक पछताओगे,पड़े हकों पर चोट॥

दल-दलदल में मत पड़ो,व्यक्ति चुनो महान।
लोकतंत्र मजबूत हो,हम भी लगें सुजान॥

मत की ताकत है बड़ी,समझ लेय मन माय।
एक वोट से हार हो,उनसे पूछो जाय॥

ईंट एक से एक जुड़,बने महल आकार।
एक-एक मत से बने,प्रजातंत्र सरकार॥

भावुकता में मत करो,कभी यार मतदान।
बिना विचारे फैसला,होती खुद की हान॥

उंगली पर स्याही लगे,यही वोट पहचान।
वरना मुँह कालिख लगे,खोटे ग्रहे समान॥

सावचेत होजा सखे,औरों को दे सीख।
मत देना अधिकार है,वोट नहीं है भीख॥

दल के बंधन में पड़े,अनचाहे हो लोग।
अपना मत न दीजिये,कर नोटा संजोग॥

बड़े छोट नेता बनेे,मतदाता की आस।
बुरे कभी न वोट दें,बने गले की फाँस॥

वादे करे लुभावने,फिर पाछे नहि आय।
उनको वोट न दीजिए,भेजो धूल चटाय॥

वोट हमारा कीमती,सोच-समझ कर देय।
दौर चुनावी है यहाँ,भल नेता चुन लेय॥

ठीक परख मतदान कर,अंतर्मन समुझाय।
एक बार की चूक से,पाँच साल पछताय॥

मत अयोग्य को दें नहीं,चाहे हो वह खास।
वोट देय हम योग्य को,सब जन करते आस॥

समझे क्यों जागीर वे,जनमत के मत भूल।
उनको मत देना नहीं,जिनके नहीं उसूल॥

एक वोट शमशीर है,करे जीत और हार।
इसीलिए मतदान कर,एक वोट सरकार॥

मतदाता पहचान को,लेय कार्ड बनवाय।
निर्भय हो निर्णय करें,वोट देन को जाय॥

वर्ष अठारह होत ही,बी.एल.ओ. पहि जाय।
मतदाता सूची बने,तुरत हि नाम लिखाय॥

अपना मत निर्णय करे,सत्य बात यह मान।
यही समझ के कीजिए,सोच-समझ मतदान॥

लोकतंत्र मे ही मिला,यह अनुपम उपहार।
अपने मत से हम चुनें,अपनी ही सरकार।।

भारत के हम नागरिक,मत अपना अनमोल।
संसद और विधायिका,चुनिए आँखें खोल॥

ई.वी.एम. को देखिए,चिन्ह चुनावी देख।
अंतर्मन से वोट दें,तर्जनि अंगुलि टेक॥

सबको यह समझाइए,देना वोट विवेक।
लोकतंत्र कायम रहे,चुनिए मानस नेक॥

बड़े बुजुर्गन साथ ले,चलना अपने बूथ।
मत का हक छोड़ें नहीं,चाहे भीड़ अकूथ॥

नर-नारी दोनों चलें,पंक्ति भिन्न बनाय।
बारी-बारी वोट दो,सबको यह समझाय॥

सबसे बड़ा जनतंत्र है,भारत देश महान।
मतदाता उसके बनें,यही हमारी शान॥

जनप्रतिनिधि सारे चुनें,अपने मत से आप।
फिर कैसा डर आपको,कैसा पश्चाताप॥

सगा सनेही मीत जन,सबको यह समझाय।
अपना हक मतदान है,विरथा कभी न जाय॥

हार जीत के लग रहे,जहाँ,तहाँ अनुमान।
मन से कर मतदान तू,लोकतंत्र सम्मानll

जनता के आशीष से,जनमत की सरकार।
जागरूक मतदान हो,फैले नहीं विकारll

जनमत का आदर करे,नेता होय सुजान।
बिना लोभ सदभाव से,कर देना मतदानll

बहुत कीमती वोट है,सोच समझ कर दान।
परचम पहरे जीत का,वोट-वोट का मानll

दल भी चिंतन कर रहे,मिले जिताऊ लोग।
चिंतन कर मतदान कर,तभी मिटे भव रोगll

राजनीति के खेल में,लोकतंत्र वरदान।
लोकतंत्र के हित करो,सभी लोग मतदानll

श्वेत वसन धारण करे,तुलसी माला कंठ।
विषय भोग में डूबते,कुछ नेता आकंठll

मतदाता कुछ सोचते,नोटा एक प्रयोग।
खारिज सबको कर रहे,राजनीति संयोगll

झंझावत भी झेलते,होते लोक चुनाव।
बागी रूठे दलों से,उनके चले मनावll

स्वस्थ बने सरकार भी,करना एक उपाय।
सबको ही जागृत करो,मत देने को जायll

मन से जब मतदान हो,देश हितैषी काम।
नेता चुने सुजान तो,सुखी रहे आवाम्ll

जाति पंथ मजहब सभी,चले चुनावी दाव।
मत देना अधिकार से,सोच देश हित भाव॥

धनबल भुजबल से लड़े,नेता कई चुनाव।
गुप्त रखो मतदान को,आए प्रकट प्रभाव॥

शिक्षित सभ्य सदस्य हो,विज्ञ और गुणवान।
उनके ही हित में करो,आप स्वजन मतदान॥

मनमानी सरकार की,मत से रोक सुजान।
पासा पलटे भावि का,सोच-समझ मतदान॥

दागी नेता दूर कर,साँचे को मतदान।
नेता माने सत्य ही,जनता का अहसान॥

नव मतदाता चतुर हैं,शक्ति युवा अपार।
मत की शक्ति जान कर,देना सोच-विचार॥

जाति धर्म की बात पर,मत करना मतदान।
निर्भय मन से वोट दो,भारत देश महान॥

अंधे बूढ़े लोग जो,होते हैं हैरान।
उनको भी लो साथ में,करना हैमतदान॥

दिव्यांगों के हित बने,सुविधा विविध प्रकार।
सभी करें मतदान तो,अपना है अधिकार॥

अपने भारत देश में,मने खूब त्यौहार।
लोकतंत्र का पर्व जब,चुने भली सरकार॥

पर्व सभी देते खुशी,संविधान अधिकार।
वोट अगर डालें सभी,तभी पर्व साकार॥

होली का संदेश है,करो बुराई दूर।
लोकतंत्र का मान हो,वोट पड़े भरपूर॥

सबको गले लगा सखे,होली करो हुलास।
जागरूक मतदान है,जनता का विश्वास॥

नया आज संकल्प लें,करें बुराई त्याग।
सबको देना वोट है,लोकतंत्र की माँग॥

होली होनी है सखे,जल मत कर बर्बाद।
सोच-समझकर वोट दें,तब होली आबाद॥

रंग अबीर गुलाल से,खेली होली खूब।
लोकतंत्र मतदान से,चुन सरकार बखूब॥

रंग लगाओ सोच कर,करना है मतदान।
शुभ होली संकल्प लो,करना देश महान॥

अवगुण की होली जला,मानवता हित मान।
जनहित में संकल्प से,करना है मतदान॥

होली जलने में सदा,बचा रहे प्रल्हाद।
सत्य राह मतदान से,जनगण मन आल्हाद॥

होली पर शुभकामना,बढ़े वतन सम्मान।
सबको लेकर साथ में,करना सब मतदान॥

अपना भारत अमर हो,अमर तिरंगा मान।
संविधान की भावना,सबका हक मतदान॥

सैनिक भारत देश के,साहस रखे अकूत।
सबका हित मतदान से,सच्चे वीर सपूत॥

रक्षित मेरा देश है,बलबूते जाँबाज।
लोकतंत्र सिरमौर है,मतदाता सरताज।।

विविध मिले हो एकता,इन्द्रधनुष सतरंग।
जागरूक मतदान से,रखते मान त्रिरंग॥

जय जवान की वीरता,धीरज वीर किसान।
लोकतंत्र मतदान से,आज विश्व पहचान॥

संविधान है आतमा,संसद हाथ हजार।
मात भारती शान हित,कर मतदान विचार॥

मेरे प्यारे देश के,रक्षक धन्य सपूत।
मत देवें सब नागरिक,मात भारती पूत॥

रीत-प्रीत सम्मान की,बलिदानी सौगात।
वोट देय सम्मान कर,मात भारती गात॥

वेदों में विज्ञान है,कण-कण में भगवान।
सैनिक और किसान सब,खूब करें मतदान॥

आजादी गणतंत्र की,बनी रहे सिरमौर।
लोकतंत्र फूले-फले,वोट करो पुरजोर॥

मेरे अपने देश हित,रहना मेरा मान।
जीवन अर्पण देश को,पर पहले मतदान॥

‘मेरा’ भारत हो सदा,विकसित अरु गतिमान।
‘राष्ट्र’ भक्ति की भावना,जागरूक मतदान॥

‘भारत’ अपना हो सदा,दुनिया में सिरमौर।
‘रखें’ मान मतदान का,पीछे खाएँ कौर॥

‘तहजीबें’ ऊँची सदा,सत्य अहिंसा राह।
समरस हो मतदान में,ईश्वर अरु अल्लाह॥

‘हाल’ सभी के हों भले,रख लें सत अभिमान।
‘नमन’ शहीदों को करें,सोच-समझ मतदान॥

नारी शक्ति हित रहे,मान और ईमान।
बिटिया के सम्मान हित,कर मानस मतदान॥

लोकतंत्र जिन्दा रहे,जन हेतु संविधान।
संसद और विधायिका,जागरूक मतदान॥

शासन सुखदायक बने,लगे न दिल्ली दूर।
कनक विहग सम्मान हो,वोट करो भरपूर॥

विश्व गुरू दर्जा बने,भारत रहे महान।
शर्मा बाबू लाल कहि,खूब करो मतदान॥

परिचय : बाबूलाल शर्मा का साहित्यिक उपनाम-बौहरा हैl आपकी जन्मतिथि-१ मई १९६९ तथा जन्म स्थान-सिकन्दरा (दौसा) हैl वर्तमान में सिकन्दरा में ही आपका आशियाना हैl राजस्थान राज्य के सिकन्दरा शहर से रिश्ता रखने वाले श्री शर्मा की शिक्षा-एम.ए. और बी.एड. हैl आपका कार्यक्षेत्र-अध्यापन(राजकीय सेवा) का हैl सामाजिक क्षेत्र में आप `बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ` अभियान एवं सामाजिक सुधार के लिए सक्रिय रहते हैंl लेखन विधा में कविता,कहानी तथा उपन्यास लिखते हैंl शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र में आपको पुरस्कृत किया गया हैl आपकी नजर में लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः हैl

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