करते चोखा न्याय

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* प्रभु चित्रगुप्त जयंती विशेष... कलम-देवता है नमन्, विनती बारम्बार।हर लेना अँधियार सब, देना नित उजियार॥ न्याय देवता तुम भले, पाप-पुण्य का लेख।प्राणी की तुम खेंचते, बिल्कुल…

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पुकारता मेरा वतन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* पुकारता मेरा वतन, जागो भारत वीर।पहलगाँव अरिघात का, बदला लो रणधीर॥ मिटा पाक नक्शा धरा, नाश करो आतंक।महाकाल बन घात कर, बने शत्रु फिर…

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दैत्यों! प्रतिकार चुकाएंगे

सरोज प्रजापति ‘सरोज’मंडी (हिमाचल प्रदेश)*********************************************** आतंक, विनाश, ज़िन्दगी (पहलगाम हमला विशेष)... नंदनवन मन-डोल रिझाने,कल्प-द्रुम वादियाँ ताकनेसुशोभित चमन लुत्फ उठाने,चले, अनजान मन बहलाने। तक्षण, धुआँ, बौछारें धावा,जन निष्ठुर, निंदनीय धावासहज, पल…

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जागरण

देवेंद्र कुमार सोनी 'देव'दंतेवाड़ा (छत्तीसगढ़)********************************* श्रम आराधना विशेष... बंद करो, बहुत सेंक ली रोटियाँ,हमारे परिश्रम के तवे परमेहनती हाथों कीजलाकर लकड़ियाँ,चूस लिया आंतों का रसज्यों चूसती शिकार,जंगली मकड़ियाँ। चढ़कर मेरे…

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श्रमिक एक योद्धा

श्रीनिवास एन.आंध्रप्रदेश**************************************** श्रम आराधना विशेष... श्रमिक लगातार कार्य करता है,वर्षा-धूप को नहीं गिनता हैपरिश्रम से थकता नहीं है,पसीने को बहाने वाला हैश्रमिक एक श्रमजीवी है। कार्य में आलस नहीं करता…

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माँ के चरणों में स्वर्ग की अनुभूति

जी.एल. जैनजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************* पैर में लगे काँटे की चुभन का, माँ आँसू होती है,कोख में जन्म देने का माँ निःस्वार्थ बलिदान होती हैजीवन के हरेक लक्ष्य का, संघर्ष हो माँ…

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आतंक मिटाता ज़िन्दगी

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* आतंक मिटाता ज़िन्दगी, करता सदा विनाश,यह समझें हैवान यदि, तो बदलेगा मौसमख़ून-खराबा कब तक होगा, बतलाओ तुम मुझको,पहलगाम जैसी जगहों पर होगा कब तक मातम। जिसने…

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जीवन एक पहेली

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** जीवन तो है एक पहेलीसमझ न इसको पाऊँ,जितना भी मैं कोशिश करतीऔर उलझती जाऊँ। चित्त नहीं परिपक्व विविधविधि घेर लिया करुणा ने,सभी इंद्रियाँ विभ्रमित करतींउलझा मन तृष्णा…

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छाया आतंक का साया

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)******************************************* आतंक,विनाश और ज़िंदगी (पहलगाम हमला विशेष)... पावन, सुंदर धरती अपनीछाया आतंकी साया हैनिर्दोषों का लहू बहा कर,कौन-सा धर्म निभाया है ? माँओं की कोख करी सूनी,सिंदूर किसी…

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मजदूरी भी मजबूरी

उर्मिला कुमारी 'साईप्रीत'कटनी (मध्यप्रदेश )********************************************** श्रम आराधना विशेष... जीवन था सपनों-सा सुंदर,माटी में खेल रचा था अंदरकिसने देखी सुबह कहाँ पर,किसने देखा था आसमान पर। भाग्य कहाँ से कहाँ ले…

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