हृदय के उद्गार
सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** भावना मन की समेटेहृदय के उद्गार लिखती,साध मन की सब बटोरेआज मैं श्रृंगार लिखती।आज मैं… काँच से टूटे पड़े येस्वप्न सारे बिन तुम्हारे,तृषित जीवन में घिरे घनविरह की बरसात लिखती।आज मैं… पुष्पप्रिय मन व्यथित तनरजनी दिवस परिणय मिलन,नव अरुण-सा साथ अपनाक्षणिक था सब स्वप्न लिखती।आज मैं… नूपुरों का मूक छूनाबिन तुम्हारे विश्व … Read more