मन मेरा सुन्दर
राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ****************************************** मन मेरा सुन्दर,तन कुछ समझे नामन कहे भज ले हरि,तन यहाँ मोह से परे ना। कहता मन,तन को ना देखोहै नहीं यह तेरातजना है यह…
राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ****************************************** मन मेरा सुन्दर,तन कुछ समझे नामन कहे भज ले हरि,तन यहाँ मोह से परे ना। कहता मन,तन को ना देखोहै नहीं यह तेरातजना है यह…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* केसरिया नित मांगलिक, धर्म सनातन मान।भारत माँ परिधान यह, ध्वजा तिरंगा शान॥ केसरिया परिधान मन, मोहे प्यारे रंग।लगे प्रिया तनु चारुतम, भर दे प्रीति…
सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** फागुन की बहार आई,करके श्रृंगार आईटेसुओं के रंग की,छटा बिखेर लाई है। पवन झकोरे चलें,डालियाँ भी झूम उठींमधुबन में फिर से,बहार कोई आई है। लाल, गुलाबी, पीत,परागी,…
संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)****************************** राम चैत की चिलचिलाती धूप में नीम की ठंडी छाँव है,राम भरी ग्रीष्म में औघड़ पीपल पर लहलहाती पत्तियों का गाँव हैराम शिशिर की सांवली काया…
कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* चल दिए हैं नयी मंज़िल की ओर,नये सफर की ओर, नयी डगर की ओर। माना कि मंज़िल अभी दूर है,पर हौसले हों बुलंद तो कुछ भी…
संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** शुक्ल पक्ष के चैत्र से आया है नववर्ष,स्वागत में हिंदू जगे दिल में लेकर हर्षनवरात्र जगदम्बे आराधना देता नव उत्कर्ष,हर घर भगवा ध्वज लगे अद्भुत…
सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* क्षत्रिय कुल का अंश था,तेजस्वी सूर्य का वंश थासंयोग से कोख में आ गया,हाँ, मैं कुंती पुत्र कर्ण था। कुल की लाज बचाने को,पितृ का नाम…
पी.यादव ‘ओज’झारसुगुड़ा (ओडिशा)********************************************** रंग बरसे…(होली विशेष)... रंगों की होली से ना हो चूर ऐ दुनिया,देख सरहद पर लाल-रंग कैसे बिखरा पड़ा हैजश्न-ए-रंग की खुमारी से तू बाज आ,देख! सरहद की…
विजयलक्ष्मी विभा प्रयागराज (उत्तरप्रदेश)************************************ रंग बरसे… (होली विशेष)... बरसे रंग गुलाल भुवन में खेलें नंद गोपालकि होली आयी रे।बारे, बूढ़े, ज्वान भुवन में, नभ तक भरें उछाल।कि होली आयी रे…॥ मार-मार…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* मैं रंग जाऊँ तेरे रंग में फागुन रंगोली साथ में,मैं सजनी दिलबाग फाग में रंगीले हमदम हाथ में। आज हुई समरस जीवन में, आलिंगन…