धर्म भूल रहा इंसान
डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* जग में अपना धर्म ही, भूल रहा इंसान।करता आज अधर्म वह, त्याग रहा ईमान॥त्याग रहा ईमान, स्वार्थ में डूबा जाता।करता वह अन्याय, झूठ को ही अपनाता॥काम क्रोध मद लोभ, भरे उसकी रग-रग में।भूल रहा है धर्म, आज मानव इस जग में॥ त्यागें सभी अधर्म को, अपनाएं निज धर्म।गीता भी कहती यही, … Read more