गीता ज्ञान
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) **************************************************** मुझे गीता ने सिखलाया,जिऊँ मैं कैसे यह जीवन,सुवासित कैसे कर पाऊँ,मैं अपनी देह और यह मन।मैं चलकर कर्म के पथ पर,करूँ हर पल का नित वंदन-महकता मेरा गीता-ज्ञान से,जीवन औ’ घर-आँगन॥ कर्म को मानकर पूजा,ही मन को तुम प्रबल रखना,बनो तुम निष्कपट मानव,यही आदर्श फल चखना।नहीं करना कभी तुम,एक पल … Read more