भावांजली गणेश जी को
संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)********************************************* सारी दुनिया के जो गुलशन खिलाता,उस गुलशन से कुछ फूल तोड़ लूँहर गुलशन में जो फूल खिलाता,लेकर कुछ उसके चरणों में जोड़ दूँअनंत गुलशन फूल भी अनंत खिला दिए है अनंत ने,अनंत जो दिव्य दिगंत है हर बगिया का माली हैहर बगिया का फूल खिलाकर गाता जो कव्वाली है,खिले-खिले हैं सुंदर … Read more