हमें जानवर ही रहने दीजिए…

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* कलकत्ता दुष्कर्म-हत्या... दरिंदों की तुलना हमसे मत कीजिए,हम जानवरों को जानवर ही रहने दीजिए। मानव से तो हम हमेशा ही बेहतर हैं,ऐसी घिनौनी हरकत…

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कौन सुने उसकी पुकार…

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ कलकत्ता दुष्कर्म-हत्या... एक बार फिर चीर हरण होता रहासब देखते रहे,जुबान चुप रही, खामोश सब हो गएआबरु बचाने में असमर्थ पीड़िता चिल्ला रही होगी,कौन सुने…

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शिव-स्तुति

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************* शिव-शंभू तुम अंतर्यामी।तुमको‌ अनंत नमामि-नमामि॥ शरणागत वत्सल प्रभु शिव हो,कष्टन-त्राता अभय-प्रदाता।भाग्य को सीधा करने वाले,मंगल-दाता विश्व-विधाता॥कर चरणों में प्रणामी-प्रणामी,शिव-शंभू… भजें जो शिव को साँस-साँस…

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बहनें बोल रहीं

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************** रक्षाबंधन विशेष... भारत की बहनें बोल रहीं,रक्षाबंधन पर भाई सेउपहार आज का बस ये ही,तुम लो बदला उस कसाई से। सीमा पर सैनिक डटे हमारे,रक्षा करते हैं…

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रेशम का धागा

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** रक्षाबंधन विशेष.... बहना का प्यार भाई का दुलार,आया देखो राखी का त्यौहारभाई की कलाई बहना की राखी,देखो कैसी सुंदरता लिए इतराई। ये धागा नहीं राखी…

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न्याय क्यों नहीं ?

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* वो दर्दनाक रात,जब दुनिया सो रही थीएक पीजी कर रही डॉक्टर,अपने छत्तीस घंटों कीकठिन ड्यूटी के बीच,कुछ पल आराम के लिएजब मेडिकल कॉलेज के,सेमिनार हॉल मे…

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रक्षा सूत्र का प्रण

डॉ. मुकेश ‘असीमित’गंगापुर सिटी (राजस्थान)******************************************** रक्षाबंधन विशेष... पुकार रही हूँ,शब्दों में लिपटी करुणा के साथमेरी स्निग्ध आशा की अनुगूँज,तुम्हारी आत्मा के भीतर कहीं,घुल जाएइस रक्षा सूत्र का संकल्प। दरवाजों पर…

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पवित्र त्यौहार ‘रक्षाबंधन’

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** रक्षाबंधन विशेष.... 'रक्षाबंधन',एक पवित्र त्यौहार हैजो भाई-बहन के रिश्ते को,पवित्र धागे में बांधे रखता है। ये पवित्र धागा,केवल धागा ही नहीं है बल्किएक वादा है,जो सुख-दुःख में…

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भैया की चिट्ठी आई है

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* रक्षाबंधन विशेष.... चिट्ठी आई, चिट्ठी आई है, चिट्ठी आई है,चन्दा जैसे प्यारे भाई की चिट्ठी आई है। भाई तांगा गाड़ी में बैठकर आने वाले हैं,मेरी प्यारी…

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मेघा रे

कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’मुंगेर (बिहार)********************************************** आ जाओ रे मेघ, जरा जल्दी से आओ,उजड़ रहा खलिहान, थोड़ा नीर बरसाओहैं बहुत परेशान, तप रही धरा हमारी,कृपा करो भगवान, हरी-भरी रहे क्यारी। पशु-पाखी बेचैन,…

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