प्राचीन धरोहर याद करो
मीरा सिंह ‘मीरा’बक्सर (बिहार)******************************* जीवन धन अनमोल मिला है,तुम इसे नहीं बर्बाद करोपावन धरती राम कृष्ण की,प्राचीन धरोहर याद करो। संबंधों का मधुर गीत है,रिश्ते-नातों से सुरभित हैसंस्कारों के फूल…
मीरा सिंह ‘मीरा’बक्सर (बिहार)******************************* जीवन धन अनमोल मिला है,तुम इसे नहीं बर्बाद करोपावन धरती राम कृष्ण की,प्राचीन धरोहर याद करो। संबंधों का मधुर गीत है,रिश्ते-नातों से सुरभित हैसंस्कारों के फूल…
प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************* जिन प्रीति नहीं हरि चरनन सों,वो मानस-जनम विफल है जीहर पल चाहे सुख-साधन जो,वो जनमों-जनम विकल है जी। प्रभु ध्यान रमे प्रभु शीश झुके,जिनकी…
डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’,जोधपुर (राजस्थान)************************************** अब वीरों को मत ललकार,वीर बहादुर है एक हथियारवीरों से जो टकराया है,मुँह की खाकर भागा है। वीरों का एक ही नारा है,भारत देश हमारा…
डॉ. मोतीलाल गुप्ता ‘आदित्य’मुम्बई(महाराष्ट्र)********************************************** बंगाल में लगी है आग,देख रहे हैं सब, किसने यह सुलगाई।जिसमें जल रहे हिंदू घर-द्वारे, मंदिर-गुरुद्वारे,यह भी समझ रहे हैं सब,सुलगाने वालों को तीली किसने थमाई।…
बबीता प्रजापति झाँसी (उत्तरप्रदेश)****************************************** देर तक सोना,सुकूँ का होना। न रोज़ क़ी भागम-भाग,बस पंछियों का सु-राग। माँ के हाथ की चाय,और बस मज़ा आ जाय। अपनों से मुलाक़ात,और ढेर सारी बात…
मानसी श्रीवास्तव ‘शिवन्या’मुम्बई (महाराष्ट्र)****************************************** तू सुन मत क्योंकि, तुझे ये दुनिया सुनाएगी,तू रुक मत क्योंकि, तुझे ये दुनिया रुकाएगीतू भयभीत मत हो क्योंकि, तुझे ये दुनिया डराएगी,तू संयम रख क्योंकि,…
सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************** तुलसी जयन्ती विशेष... शुक्ल प़क्ष की तिथि सप्तमी,सावन घटा घोर अँधियाराजन्म लिया था तुलसीदास ने,भारत में करने उजियारा। उतरे थे बन मार्ग प्रदर्शक,जीवन में दु:ख बहुत सहेप्रेमी…
प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************* मोह गली नित आना-जाना,मुश्किल है भव से तर-पाना। सारा तमाशा है हसरत का,कहीं बिछड़ना ओ मिल जाना। मैं, मेरी दुनिया, मेरे परिजन,क्यों छूट जाए…
हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ मुंशी जी:कथा संवेदना के पितामह... मनुष्य से मनुष्य को जोड़ने के लिए,जो चल पड़ा भारतीय परिवेश को लिएवह 'कर्मभूमि' से 'गोदान' का धनी,सहृदयता की प्रेरणा…
संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** मुंशी जी-कथा संवेदना के पितामह... कलम सम्राट प्रेमचंद का जानें चलो अतीत,बदल-बदल कर नाम बनाते आज़ादी के मीतब्रिटिश भी तब समझे यह तो विद्रोही प्रतीत,कथा,…