दस-दस मुखौटे

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************* किसी के पास एक या दो,किसी-किसी के पासदस-दस मुखौटे हैं,आसमान में उड़ने वाले येअरे! नहीं-नहीं, ये उतने ऊँचे नहीं हैं,पैरों में बाँस बाँध रखे हैं सबनेये बौने…

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मन मेघ बन उड़ जाता…

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* वर्षा जब भी आती है,खुशियाँ संग लाती हैघर-आँगन में हरे हरे पौधे,ताज़गी लेकर आती है। बाग-बगिया और जंगल में,हरियाली छा जाती हैखेतों में धानी चुनरिया,बारिश में…

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विश्वास जगे

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* अब नहीं भरोसा सत्ता पर, नेता विपक्ष या नेता होजाति-धर्म पर नित बँटे हुए, जनता समाज अभिनेता हो। आहत अपने नित लोभ विवश, अवसाद…

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साज सजने लगे

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* साज सजने लगे गीत बजने लगे,ढोल के बोल पर वो थिरकने लगेउनके हाथों में मेहंदी सजने लगी,उनके पाँवों में पायल भी बजने लगी। बागों में…

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मेरे सतगुरु

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** कैसे शक करूँ मेरे सतगुरु,तेरे इस निष्पक्ष फैसले पर।अगर तू सजा दे ही रहा है तो,कुछ तो गुनाह मुझसे हुआ होगा। परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान)…

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रात के आगे

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************* निराशा छोड़ दो प्यारे कदम आगे बढ़ाना है,नहीं यूँ हौंसला छोड़ो, तुम्हें कुछ कर दिखाना है। अँधेरा कब रहा हरदम सुबह बस आने वाली…

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किनारों की तलाश में…

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ किनारों की तलाश में,निकल पड़े हैं हम राहीसफर ज़िन्दगी का जारी है,पर मंज़िल मिलेगी या नहीं ? खबर एक पल की नहीं,फिर भी किनारों की…

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ओ रे चीन…

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** हद में रह तू, ओ रे चीन!क्यों काल तेरा है आया ?दुनिया की नजर में गिर चुका है तू,तेरी समझ में ये सब क्यों न आया…

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चिता जलती रही

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* मुझे सारा जहान, बेगाना लगता था,जब भी मुझे कोई 'विधवा' कहता थासुनकर मैं तो फूट-फूट के, रोती रही,'मत रो बहना', सखियाँ कहती रहीं। चमकती लाल, मोतीयन…

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गौ माँ की सेवा करो

धर्मेन्द्र शर्मा उपाध्यायसिरमौर (हिमाचल प्रदेश)******************************************************* गौ माता के भक्षक सुन लो,तुम्हें एक दिन जलना होगाकिया जो पाप मुक प्राणी पर,कर्ज उसका चुकाना होगा। आर्यों की धरती पर रहकर,दया-धर्म क्यों छोड़…

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