कौन समझेगा तेरी कहानी देहातन

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** वे गोबर से मटमैले हाथ, पसीने की बूँदों से तर वह चेहरागौ सेवा में रत ओ री देहातन! कितना सुन्दर रूप वह तेरा ? आठों याम…

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गर्जन जब नभ में…

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* बिजली चमकी गगन में,तड़ित तड़का अम्बर मेंगर्जन हुआ जब नभ में,हुई तबाही तब धरती पर। इसी वक्त तो फटती है घटा,अद्भुत होती है नभ…

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आइए, ऊर्जा का संरक्षण करें

मंजरी वी. महाजनहमीरपुर (हिमाचल प्रदेश)*************************************** जंगल अगर बचाने हों,नदियों में पानी कायम होस्वच्छ व शुद्ध दुनिया के लिए,आइए शक्ति का संरक्षण करेंउज्जवल भविष्य की ओर बढ़ चलें। पंखे, हीटर, ए.सी.…

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भविष्य जगत का

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************** नारी कितनी यातना सह,जगत का भविष्य रचती हैकभी-कभी यह देख मुझे,करुणा-सी हो जाती है। पुरुष भाग क्षण भर है,सच पूछो जगत-सृष्टि मेंनारी ही तो सह यातना,सफल यज्ञ…

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सुख आए तो पचाना सीखिए

प्रीति तिवारी कश्मीरा 'वंदना शिवदासी'सहारनपुर (उप्र)************************************************* सुख आए तो पचाना सीखिए,दुःख आए तो निभाना सीखिएसब कुछ सिखा दे॔ कृपालु भगवान,बस उनको अपना बनाना सीखिए। दुःख आए अपने से नीचे देखिए,अभिमान…

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चीखती है कलम

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** दुष्कर्मियों को सजा नहीं मिलती,न्याय के हाथ लड़खड़ाते हैं'चीखती है कलम, कहती है कलम',मैं सिर्फ़ किस्से या कहानी के लिए ही तो नहींतुम्हारे हाथ में हूँ, इंसाफ…

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सुंदर चाँद

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** बरसात में चाँद छुप जाताबादलों में,जबकि सूरज बादलों में छुपकरकर देता उदयइंद्रधनुष को। जब बादल से निकलता चाँद,तब दूधिया चाँदनी मेंशरद ऋतु में पूर्णिमा परखीर को कर…

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क्षोभ

रश्मि लहरलखनऊ (उत्तर प्रदेश)************************************************** वे मिलावटी लोग,छल-कपट करनाबख़ूबी जानते हैं,अक्सर…गिरगिट और साॅंप की,याद भी दिलाते हैं! वे हर उठने वाली नज़र पर,तिलमिलाते हैंवृद्ध-बेबसी पर,चिड़चिड़ाते हैं। वे ऊॅंचाई छूने को तत्पर,गिरे…

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कर्म ही पूजा

डॉ. बालकृष्ण महाजननागपुर ( महाराष्ट्र)*********************************** हमने सुना है कि-कर्म ही पूजा हैबेहिचक हम,कर्म करने लगे। बात यहाँ तक,बढ़ गई कि-उनके मार्गदर्शन सेदिशा कब बदल गई। जब पीछे मुड़करदेखा तो,आइने मेंदूसरा-ही…

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मौसम के मिज़ाज…

सौ. निशा बुधे झा ‘निशामन’जयपुर (राजस्थान)*********************************************** मौसम भी बड़ा लाज़वाब होता है,अपने ही रंग में रंगा होता हैकभी हँसता, तो कभी ग़मगीन होता है,सात रंगों के हसीन, रंगों से रंगा…

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