अंधा कानून…

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन (हिमाचल प्रदेश)***************************************************** कैसे करें हम,न्याय पर विश्वास।जब मिल रहा हो,करोड़ों का काला धनन्यायाधीश के पास॥ परिचय-डॉ. प्रताप मोहन का लेखन जगत में ‘भारतीय’ नाम है। १५…

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कर्मफल का खेल

मानसी श्रीवास्तव ‘शिवन्या’मुम्बई (महाराष्ट्र)****************************************** जीवन है ज्योत मनुष्य का,मानवता के मूल्यों का।एक-दूसरे पर किए गएपरोपकार के लेन-देन का। इतिहास उठा कर देखते हैं तो,ज्ञान होता है कर्मों का।जिसके जैसे थे…

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कहाँ मिलेगा निर्मल जल

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** जल ही जीवन, जल ही कल, जल जीवन बल,सागर से नदियों तक धारा कल कल छल-छलसंरक्षण से दूर हुए हम, दुरूपयोग है पल-पल,त्राहि-त्राहि करना होगा,…

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क्यों न फिर कविता लिखूं ?

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* सोच रही हूँक्या लिखूं ?कविता लिखूं,ग़ज़ल लिखूं। गीत लिखूं,कहानी लिखूंजो भी लिखूं,हो प्रेम से शुरू। और प्रीत पर अंत,खुशियाँ हो जिसमें अनंतन हो जिसका आदि न…

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दुनिया को खुशियाँ मिले

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* भाईचारा विश्व में, फैलाता संदेश।समझो भारतवर्ष यह, समरसता परिवेश। शान्ति दूत मेरा वतन, पाता जग सम्मान,परमारथ सत्पथ चले, कर्मवीर पहचान। पृथ्वी ही परिवार है,…

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हमारा बिहार

कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’मुंगेर (बिहार)********************************************** भारत के ईशान विराजे,कंठ मालिका मणि बन साजेइसकी महिमा है अति भारी,जनक सुता की धरणी प्यारी। देवासुर जब जलधि मथाया,मंदार को मथनी बनायाचौदह रत्न यहाँ से…

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आता है क्रोध

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************* करते जन ढोंग-ढकोसला, स्वांग दिखावा होड़म-होड़,सबको बनना दूसरों जैसा, अपने जैसा बनना छोड़जीवन में ला रहे गतिरोध, मुझको तब आता है क्रोध…। दूसरों के घरों ताक-झांँक, टांग…

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कविता दिल का अनमोल मीत

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर (मध्यप्रदेश)****************************************** 'विश्व कविता दिवस' (२१ मार्च) विशेष... यह शब्दों की माला, है भावों का गीत,हर कविता है दिल का अनमोल मीत। इसमें सपनों की राहें, उम्मीदों के…

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अपने को पहचान

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ तेरा अपना वजूद है,तू कमजोर नहींफिर क्यों हार रहा है ज़िंदगी से,अपने को पहचान। नफ़रत के इस माहौल में,तू राह मत भटकआगे की सोच, क्यों…

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कृष्ण भक्ति आवली

सरोज प्रजापति ‘सरोज’मंडी (हिमाचल प्रदेश)*********************************************** हे मेरे श्याम सुंदर, जप लूँ तेरा नाम,हाथ जोड़ विनती सुनो, हे प्राणों के प्राण। मुझे प्रेरणा तुम देना, रखना सिर पर हाथ,मेरे मन अभाव…

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