रस टपके शिव नाम का

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)********************************** अगाध श्रद्धा शिव-शंभू पर शिव की कृपा से होय,दुखिया रोवे रात-दिन पर कृपा पाय कोय-कोय। शिव-शिव शिव-शिव करती रसना रस टपके शिव नाम का,पावन…

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नि:शब्द प्रेम

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* मौन रहकर भी,बहुत कुछ कह गयातुम्हारा निश्छल प्रेम,आँखों से बह गया। लब हिले पर शब्द,मुँह में ही रह गएजो कहना था,नयनों से बयां हो गया। क्यों…

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तू आगे बढ़

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ उम्मीद के दामन को थामे,तू ज़िंदगी की जंग लड रही हैतू सुंदर है, कोमल भी पर तू शक्ति स्वरूपा,झुकना तेरे बस में नहीं, बस तू…

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धन्य हुई माँ पार्वती

संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)****************************** तीनों लोक के स्वामी, ओ! दुनिया के पालनहार,पुरुषार्थ के आद्य प्रणेता, त्रिभुवन शिव सृजनकारप्रचंड पराक्रमी शिव शम्भो, रग-रग के ओमकार,तुम-सा श्रेष्ठ कौन हो सकता! दे सकता…

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उस पार… एक विलक्षण दुनिया

भागचंद ठाकुरकुल्लू (हिमाचल प्रदेश)******************************************** एक विलक्षण दुनिया,मनाली-लेह राजमार्ग पर दिखता है अटल टनल का मनमोहक नज़ारा,इसकी एक झलक पाने के लिए चला आता है जग सारापीर पंजाल श्रृंखला में बने…

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वन-उपवन लहराए

सरोज प्रजापति ‘सरोज’मंडी (हिमाचल प्रदेश)*********************************************** सृष्टि रचयिता हो मस्त मगन,छटा बिखेर सर्वत्र लग्नकण-कण विराट स्वरूप,सृजन करता ध्यान मग्न। ऋतु सर्दी में सहमी धरा,लोहित तृण से झांकीपतझड़ में निज पत्र खोए,किसलय…

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सुकून दे रहा पेड़

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ दूर तक फैला हुआ यह पेड़,अपनी छाँव में सभी को समाहित कर रहा हैयह बड़ी-बड़ी झाड़ियों व टहनियों ले लदा हुआ पेड़,अपनी छाया से हम…

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मार्च आया, रंग हजारों लाया

सौ. निशा बुधे झा ‘निशामन’जयपुर (राजस्थान)*********************************************** गया अभी छोटा अल्हड़ फरवरी,आया देखो अब मतवाला मार्चफागुन मन लेकर खास,रंग अबीर, गुलाल बिसराए दुखों को खास। आया देखो मतवाला मार्च,रंग-बिरंगी होली परमारे…

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झरने-सा बहना तो सीखो

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* खेल तो अभी शुरु हुआ है,खिलाड़ी बन कर तो देखो। जीना तो अभी शुरू किया है,खुलकर जी कर तो देखो। सबेरा तुम्हें दस्तक दे रहा है,खिड़की…

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शाश्वत सत्य

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन (हिमाचल प्रदेश)***************************************************** जन्म और मृत्यु,शाश्वत सत्य हैनहीं कोई इसकाविकल्प है। एक दिन सभी को,मृत्यु शय्या पर सोना हैचाहे आप हो या डॉक्टर,सभी का यह हाल होना…

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