काश! ऐसा हो जाता…

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** फूल बोलते पत्ते गाते,पौधे हमसे हाथ मिलातेचिड़िया चलती पैदल-पैदल,हम सब उसको मित्र बनाते। पर्वत पर टापू बन जाते,अम्बर में हम महल बनातेधरती अम्बर जुड़ी सड़क हो,जिस पर…

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देश पर मर मिटने वाला

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ वह भारत का नायक,वीर सपूत वीर सैनानीआजादी का मतवाला,देश पर मर मिटने वाला। जिसने कभी भी नहीं,झुकने दिया भारत का मानगांधी-नेहरू का साथ जिसने दिया,देश…

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प्रेम मार्ग

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** पलकें जिनकेइंतजार में होती नहीं बंद,ढूंढती चेहरे कोजो दिल में बसा छुपा रखा,मगर प्यार की खुशबूसाँसों में जो बसी अब तक। नदी के तट पर खाली नाव,प्यार…

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गले लग जाना

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** प्रिय दोस्त, कभी आना समय निकाल कर,आना तो पहले से मत बताना, बस आ जानाजैसे ठंडी हवा का झोंका आता है, गले लग जाना,कितनी बातें करनी है…

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‘शीत ऋतु’ ध्यान

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* सर्दी,शीत ऋतुठंड चहुँ ओर,कंबल-रजाईसुहाए। कोहरा,भोर काधुंधला खेत राह,ओस मोती,लुभाए। मद्धम,सूर्य किरणेंसुंदर लगे प्रकाश,चाय-कॉफीबढ़ाए। जनवरी,शीत लहरठिठुरन जो बढ़े,अलाव-हीटरजलाए। स्वास्थ्य,ध्यान आवश्यकशीत से बचें।पौष्टिक भोजन,कराएं॥ परिचय- डॉ.आशा गुप्ता का…

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अनमोल खज़ाना

सीमा जैन 'निसर्ग'मेदिनीपुर (प.बंगाल)********************************************* अनमोल खज़ाना खो बैठे,हम छत से हाथ धो बैठेजीवन भर जिसके साथ रहे,वो गुज़रे जमाने के हो बैठे। सूनी दुनिया कर चले गए,बैठक में चुप्पी छोड़…

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थे विवेकी

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** मानवता का पाठ पढ़ाया,नर में इन्द्र था जिनका नामबड़े विवेकी महापुरुष थे,ऐसा किया उन्होंने काम। विश्व गुरु कहलाए थे वे,ऐसा कुछ बस बीज बो गएभाषण देने में…

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अब मन नहीं करता

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* अब मन नहीं करता,कुछ सुनने का, कुछ सुनाने काकुछ पाने का, कुछ खोने का,कुछ रोने का, कुछ हँसने का। अब मन नहीं करता,कुछ कहने का, कुछ…

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आस्था का महापर्व ‘महाकुंभ’

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* अमृत की बूंदों से सिंचित धरा प्रयाग की पावन,पुण्य धरा वह, महाकुंभ शोभित, होता मनभावन। देवभूमि है, मंगलकारी, जो सबके दु:ख हरती है,सबका जीवन जगमग करती,…

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लोग क्या कहेंगे…?

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** न नहीं लोग क्या कहेंगे, भला लोग क्या कहेंगे,ये रहते कहा, कौन है, बता लोग क्या कहेंगे। सभी लोग किससे डरते, अपने से नहीं रहते,चेहरे पे रख…

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