बेपनाह मुहब्बत-ए-वतन
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* पाया जीवन जिस धरती हम बेपनाह मुहब्बत करते हैं,जिसकी मापी सम पले बढ़े, तन मन नित अश्क़ बरसते हैं। अनमोल कशिश नवप्रीत वतन आभास…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* पाया जीवन जिस धरती हम बेपनाह मुहब्बत करते हैं,जिसकी मापी सम पले बढ़े, तन मन नित अश्क़ बरसते हैं। अनमोल कशिश नवप्रीत वतन आभास…
डॉ. कुमारी कुन्दनपटना(बिहार)****************************** नया सवेरा, नयी आशाएं, नए संकल्प... क्यों औरों की नकल करें हम!कौन इन सबको समझाएगाजो त्योहार नहीं है हमारा,वह मेरे मन ना भाएगा। नए साल का नया…
ऋचा गिरिदिल्ली******************************** पूर्णता की तलाश में,शून्यता को नज़र अंदाज़ करद्वंद्वात्मक प्रश्नों के साथ,बालकनी में खड़ीखुले आकाश की ओर,मौन देखती अर्ध चन्द्रमा। सागर किनारे,रेत पर बैठमौन देखती अर्ध सूर्य,घर के आँगन…
ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** फिर वही,शाम उदास…क्योंकि,देखता रहा दिनभर,ख़ुशी के मैसेज, स्टेटस,फिर सरका दियाऔरों के पास। कुछ भी तो नहीं रखा,अपने पास…जिसे बना सकूं,जीवन में कुछ खास। इससे तो अच्छा था,जब…
हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* वर्ष पुराना गया, और नया आ गया,वक्त गुजर कर कभी, मिल न सका जो गया। वर्ष यही आएगा, एक सदी बाद ही,कौन रहे क्या पता,…
राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ****************************************** आओ आज कुछ काम करें,काम से पहले लक्ष्य तमाम करेंतमाम लक्ष्यों को ध्यान रखकर,ध्यान से उस पर हम काम करें। यहाँ रास्ते हैं अनगिनत,अनगिनत है…
संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** नववर्ष मन को हर्षाए,हरियाली गेहूँ-चने की मन को भाएखुशियाँ चहुँओर बरसे,बाँट सकूँ आपकी दुआ मन तरसे। नदियाँ कल-कल के गीत सुनाए,कोयल-पपीहा संग राग बनाएसूरज झाँकता बादलों के…
हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ तुम हमारे ही रहना,कभी जुदा ना होनासफ़र है दो दिलों के प्यार का,तुम साथ देते रहना। तेरे बिन क्या दुनिया-जहान,प्यार के सफ़र में तुम साथ…
सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** 'सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे संतु निरामया,सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित दुःख भाग भवेत'सब हों सुखी कल्याणकारी स्वस्थ और निरोग हों,निज देश के उत्थान में सबका सदा सहयोग…
सुनीता रावत अजमेर(राजस्थान) ******************************************* कितना प्रामाणिक था उसका दु:ख,लड़की को कहते वक़्तजिसे मानो,उसने अपनी अंतिम पूंजी भी दे दी। लड़की अभी सयानी थी,इतनी भोली सरल कि उसे सुख काआभास तो होता…