नववर्ष संकल्प कर्म विस्तार

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* नया सबेरा, नयी आशाएँ, नए संकल्प… नव वर्ष लाता नव संकल्प,गठरी में बांध लाता विकल्पकुछ जाने कुछ अनजाने,कई कर्मों का प्रारंभ अनंत। उर्जा का करना…

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सुनो जरा, साल नया

मीरा सिंह ‘मीरा’बक्सर (बिहार)******************************* नया सबेरा, नयी आशाएँ, नए संकल्प… क्या कहता कानों में चुपके,सुनो जरा यह साल नयापंख सुनहरे लेकर आया,देगा सुनो मिसाल नया। सोचो कुछ तो अच्छा सोचो,छेड़ो…

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खुशहाल है नयी सुबह

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ नया सबेरा, नयी आशाएँ, नए संकल्प… सुबह की भोर में चमक रहा है उजाला,सूर्य की किरणों की यह लालिमानई सुबह नये संकल्पों की सूत्रधार है,नये…

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आहें सिहर गईं

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** कल ही तो खुल के बात हुई,आज सारी मुसीबत साथ हुईरात अचानक मौत से बात हुई,साँस रुक गई फिर मुलाकात हुई।अस्पतालों में खूब तहकीकात हुई,कहीं…

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ऐसे थे अटल

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** 'अजातशत्रु' अटल जी... जन्म दिवस पच्चीस दिसंबर आता,अटल जी का जन्म दिवस मनाया जाताऐसे महान विभूति को इस तरह भीयाद किया जाता। पल-पल श्रद्धा सुमन…

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खामोशी से जीते हैं

कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* जिसे हम बयां नहीं कर पाते,उस खामोशी में जीते हैं। दबाकर मन के जज्बातों को,उस खामोशी में जीते हैं। होती हैं मन में उथल-पुथल,उस पल को…

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प्यार की पहचान

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* तुम्हें महसूस करके प्यार की पहचान करते हैं,मिलें महबूब तब ही, शबनमी अरमान सजते हैं। सजाके हौसले अपने, मिटा दो फासले दिल के,मगर तकलीफ ये…

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उलझन हो तो…

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** कभी अगर उलझन मन में हो,युक्ति से सुलझाओमन बेचैन अगर हो अतिशय,उसको शान्त कराओ। कोई नई परीक्षा आए,जीवन रुक-रुक जाएसाहस से तुम करो सामना,निर्मल पथ बन जाए।…

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मस्त हो चले शिव-शम्भो

संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)*************************************** रूतवा बसंती में भोले शिव-शम्भो,बनकर मदन घूमे कानन…पहाड़-पहाड़ की लता वनिताएँ, सज्जित हो नाची छनन-छनन। कली-कलियों के गुब्बारे फूटे, सौरभ उमड़ी घूमी-झूमी चित-पावन…बयार चल पड़ी घनी…

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प्रियतम ज़िंदगी

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ****************************************** ज़िंदगी है एक प्रियतम,जो हमेशा ही मुस्कुराती हैगमों के अंधेरे में भी रहकर,हमें तो जीना सिखलाती है। प्रियतम ज़िंदगी से मैंने की वफ़ा,फिर क्यों हमसे…

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