आनन्द की अनुभूति
सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** क्या कहते हो, ध्यान में बैठना मुश्किल है ?मन चंचल आँख बंद करते ही इधर-उधर भागता है ?देखो, आरंभ में उदासी लगेगी, लगने देना,थोड़ी उलझन परेशानी लगेगी,…
सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** क्या कहते हो, ध्यान में बैठना मुश्किल है ?मन चंचल आँख बंद करते ही इधर-उधर भागता है ?देखो, आरंभ में उदासी लगेगी, लगने देना,थोड़ी उलझन परेशानी लगेगी,…
संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** मुफ्तखोरी और राष्ट्र का विकास... ओ ऊपर वाले,बंद करवाओ ये मुफ्त की रेवड़ी बाँटनाये सहायता गरीबपन को दर्शातीदेश-विदेश में छवि पिछड़ापन लाती है। मुफ्त का माल देती,कर…
डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* छूटा है बहुत कुछ, सुहाना सफ़र,दिलकश नज़ारे, घर, परिवारटूटा है अंतर्मन कुछ नया पाने के बहाने,बदल गए जीवन के पैमाने। सहज सरल जीवन में,बेड़ियाँ ऐसी कस…
संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** हर तरफ देखो सबका वतन जल रहा है,बांग्लादेश, यूक्रेन, सीरिया, इजराइल जल रहा हैकहीं धर्म, कहीं अधर्म, कहीं घर जल रहा है,मानवीय मूल्यों का रहमो-करम…
सुनीता रावत अजमेर(राजस्थान) ************************************************************* तू चाहे चंचलता कह ले,तू चाहे दुर्बलता कह लेदिल ने ज्यों ही मजबूर किया,मैं तुझसे प्रीत लगा बैठी। यह प्यार दीए का तेल नहीं,दो-चार घड़ी का खेल…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* राजनीति के दाँव-पेंच फॅंस, मानवता हम भूल गए हैंजाति-धर्म-भाषा क्षेत्रों में, लोभ मोह मशगूल हुए हैं। सब रिश्ते खोकर अपनापन, बस अपने को तरस…
सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** पहली बार स्वप्न निद्रा मेंप्रियवर ने एक पत्र लिखा,अपनेपन का संबोधन देमुझको 'प्रियतम मित्र' लिखा। लिखा उन्होंने मेरे हमदमविह्वल कभी नहीं होना,कहीं अगर एकांत में हो तुमफोटो…
संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)*************************************** मुफ्तखोरी और राष्ट्र का विकास... मुफ्तखोरी से बरगलाने की ये कौन-सी आँधी चली है,स्वार्थ के चलते राष्ट्र लूटने की नेताओं की चाँदी पली हैपसीने की कीमत…
संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** मुफ्तखोरी और राष्ट्र का विकास... मुफ्तखोरी बढ़ रही है सरकारी विश्वास में,बेरोजगारी घर कर रही, मुफ्तखोरी लिबास मेंपूरी तरह आश्रित जनता मुफ्त आत्म विश्वास में,जीने…
सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** भोर होते ही घर से निकल जाइए,उगते सूरज की थोड़ी किरण पाइएताज़गी अपनी साँसों में भर लीजिए,खिलते फूलों की थोड़ी महक लीजिए। कितना उम्दा कलाकार है देखिए,है…