सागर
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** मैं सागर हूँ महार्णव अति गह्वरित, धरा के आँचल में समेटे स्वयं को या यों समझ माँ की आबरू को ढँक तीनों दिशा…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** मैं सागर हूँ महार्णव अति गह्वरित, धरा के आँचल में समेटे स्वयं को या यों समझ माँ की आबरू को ढँक तीनों दिशा…
डॉ.स्नेह ठाकुर कनाडा ******************************************************************* मेरा देश आज दो नामों में बँट गया है, भारत और इण्डिया भारत पूर्वीय दैवीय गुणाच्छादित सभ्यता का प्रतीक, और इण्डिया पाश्चात्य सभ्यता काl भारत…
सुषमा मलिक रोहतक (हरियाणा) ************************************************************************************* पूछ रही हूँ मेरी माँ मैं तुझसे,बस तू ये मुझको बता दे, क्यो फेंका मुझे कूड़ेदान में,अब मुझको तू ये जता दे। नौ महीने तक…
सुशीला रोहिला सोनीपत(हरियाणा) *************************************************************************************** पिंजड़ा स्वर्ण जड़ित दीवारों का बना खूब सजा खूब बड़ा। सोने की कटोरी, मदे की भरी। अफ़सोस हाय! सब फीकी लगे। चाहत है परिन्दे की, नील-गगन…
विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** मैं हूँ भारत का चौकीदार दिन-रात रहता हूँ पहरेदार, घुसपैठ नहीं होने दूँगा दुश्मन को मैं ठोक दूँगा। परिंदों को पंख काटकर आकाश में मैं छोड़…
एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’ गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** ख्वाबों ख्वाहिशों आरजू की मुलाक़ात, खामोश जुबां उम्मीद की कशमकश का लम्हा। तकदीर की कशिश, लफ़्ज़ों अन्दाज़ की बात॥ सवाल-जवाब इजहार अरमान की तल्खी,…
कैलाश भावसार बड़ौद (मध्यप्रदेश) ************************************************* अपने रक्त से तिलक लगाया, भारत माँ के भाल पर जितना गर्व करें उतना कम, मातृभूमि के लाल पर। उऋण कभी ना हो पायेंगे, क्रान्ति…
संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ दिल ने धड़कना छोड़ दिया है, जबसे गए हो तुम दूर मुझसे। तब से नाम के सहारे जिन्दा हूँ, मैं डर गया हूँ तेरी वफ़ादारी से॥…
मनोरमा जोशी ‘मनु’ इंदौर(मध्यप्रदेश) **************************************************** अबाध गति से अनजाने में, निशब्द भावनाओं का प्रवाह मानस पटल पर अंकित कुछ, अनबोले और अनछुए असंख्य विचार कल्पना का, मंथन कर उद्धेलित करते…
सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* ये भारत की धरती है दोस्तों, जहाँ सब मिल होली मनाते हैं। क्या तेरा-क्या मेरा यहाँ पर, दुश्मन भी गले मिल जाते हैं। इंद्रधनुषी…