शिक्षक सच्ची राह दिखाता
मीरा सिंह ‘मीरा’बक्सर (बिहार)******************************* शिक्षक दिवस विशेष... कृपा मिलती जिसे गुरु की,जीवन उसका है तर जाता।शिक्षक होता सूरज जैसा,सबको सच्ची राह दिखाता॥ आए कितनी भी बाधाएँ,तनिक नहीं वह घबराता है।हर…
मीरा सिंह ‘मीरा’बक्सर (बिहार)******************************* शिक्षक दिवस विशेष... कृपा मिलती जिसे गुरु की,जीवन उसका है तर जाता।शिक्षक होता सूरज जैसा,सबको सच्ची राह दिखाता॥ आए कितनी भी बाधाएँ,तनिक नहीं वह घबराता है।हर…
सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************** ये आँखों में कजरा,ये बालों में गजराये माथे पे बिंदिया,चमकती है चमचम। भँवे काली-काली,ये गालों पर लालीये नथ नासिका की,दमकती है दमदम। अधर रस के प्याले,ये कानों…
हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ शिक्षक दिवस विशेष... शिक्षा के संकल्पों को पूरी तरह निभाएं,आओ मिलकर हम नवसृजन करें पढ़ें और दूसरों को भी पढ़ाएं,जीवन में यही हमें सही राह…
धर्मेन्द्र शर्मा उपाध्यायसिरमौर (हिमाचल प्रदेश)******************************************************* शिक्षक दिवस विशेष... हे शिक्षक!शिक्षक ही नहीं;शिल्पकार हो तुमओझल हो रहे सपनों में,समाज का दर्पण हो तुममानव जाति सभ्यता के,सुसंस्कृत, संस्कार हो तुम। समस्त प्राणियों…
संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** खामोशी भी एक प्रकार योग है,यदि माना जाए तो हठ योग हैगुस्से पर नियंत्रण का मनोयोग है,व्यक्ति को नियंत्रण का प्रयोग है। सबको ठिकाने लगाने…
मंजरी वी. महाजनहमीरपुर (हिमाचल प्रदेश)*************************************** रंग-रंग के रंग हज़ार,जिनसे सजा सुंदर संसार। आसमान का रंग है नीला,सुबह का सूरज पीला-पीला। तितली उड़ती रंग-बिरंगी,चहुं ओर फूल खिले बहुरंगी। अपने रंगों की…
कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* कुछ बातें भूल सी जाती हूँ मैं आजकल,जब याद आती है तो मुस्कुरा देती हूँ मैं आजकल। ना जाने क्या हो गया है मेरे साथ आजकल,लफ्जों…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक)********************************************************************** जबसे पावस रिमझिम बरसाया रे,दिल का सावन करीब है आया रेकोमलता किसलय कामुक तन- मन,सज-धज विप्रलम्भ श्रृंगार रुलाया रे। जबसे दादुर बादुर शोर मचाया रे,घनघोर…
कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’मुंगेर (बिहार)********************************************** शिक्षक दिवस विशेष.... हाँ, मैं एक शिक्षक हूँ,शिक्षक होने का दंभ मैं भरता हूँराष्ट्र निर्माता होने पे गर्व मैं करता हूँहाँ, मैं एक शिक्षक हूँ…। यह…
डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** प्यारी रंगीली चूड़ियाँ,सुंदर-सी खनखन करती चूड़ियाँछन-छन करती मन बहलाती चूड़ियाँ,नारी का सुहाग दर्शाती चूड़ियाँ। लाल, पीली, हरी ,नीली चूड़ियाँ,काले-गोरे का फर्क मिटाती चूड़ियाँरोते हुए को…