मन मेरा भरमाता है

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* मुझे कोई मिल गया था, माया का मेला लगा था जहाँ,अचानक दिल खो गया मेरा, ओ परदेसी जब मिला वहाँ। क्या बखान करूँ मैं रुप का,…

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जीवन मिलता है एक बार

डॉ. कुमारी कुन्दनपटना(बिहार)****************************** ईश्वर की है, कैसी ये माया,पाँच तत्व की बनी ये कायाकाम, क्रोध और लोभ, मोह,सब है इस तन में समाया। मनुज तप, जप, यज्ञ भुलाया,कलियुग का है,…

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दहेज अभिशाप, प्रेम विवाह हो आज

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** कड़ी मेहनत और खून पसीना जलाकर माँ- बाप करें घर को आबाद,भेद-भाव न करते मन में बेटी, बेटा हो या बेऔलादकौड़ी-कौड़ी जोड़-जोड़ कर, जमा-पूंजी सब…

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आगे बढ़ रही हैं बेटियाँ

डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** सफलता और समृद्धि की राह पर,बेटियाँ आज़ तेज़ी से बढ़ रही हैहर वक्त साथ ही साथ,हर मोर्चे पर खड़ी दिखाई देतीखड़ी नज़र आ रही है। यहाँ बुलंदी पर पहुंचने…

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स्वाभिमान

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** जहां आदर सम्मान नहीं,वहां कभी भी जाना नहींयह वहम नहीं अनुभव है,दिल से इसे लगाना नहीं। मेरा दृढ़ स्वाभिमान है,स्वार्थ के वश जीना नहींसच के लिए लड़…

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बरखा रानी

अरुण वि.देशपांडेपुणे(महाराष्ट्र)************************************** आजा अब ओ बरखा रानी,बरसने दे रिमझिम पानी। प्यासी प्यासी है धरती,ना आसामानी मेहरबानीदेख हालत दिल पानी।आजा अब ओ बरखा रानी… बरसात के दिन आए,ना दिखे कहीं बादल…

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बादल

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** हृदय क्षितिज में घर्राते बादल,गर्जना छोड़, बरसात बरसातृषित धारा के रोम-रोम की,आज प्रिये तू, प्यास बुझा। सुकून मिले अब विरहिणी को,और न इसको यूँ ही तड़पासोया…

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मेरा रखवाला

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* हे कृष्ण, हृदय बहुत है विचलित,कैसे तुझे बताऊॅ॑, मन है संकुचितएक ओर समाज का मुझपे पहरा,मुझको गमों ने चारों ओर है घेरा। कृष्ण, चुपके-चुपके मैं लिखी…

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हम भी पढ़ेंगे

डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** यह नवजागरण का,उत्तम उपदेश हैहम भी पढ़ेंगे,आ रहा जन-जन की आँखों सेस्पष्ट सन्देश-उपदेश है। बेटियाँ पुकार रही है,पढ़ने की बात कह रहीं हैंउफ़ान बड़े जोर से है,उत्तम सोच से…

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पीठ थपथपाई भी गुम

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** बचपन की स्मृतियाँ,संग पिता के याद आ जातीछा जाती मस्तिष्क पटल पर,जो काम पिता कर लेते थेपिता के नहीं होने पर,वो लोगों से पूछना पड़ता। हौंसला अफजाई,और…

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