जिंदगी का मकसद

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* मुझे ज़िन्दगी का मिला एक मकसद, उसी के सहारे जिए जा रहा हूँ।न चाहत सजाता न उम्मीद करता, मिलें अश्क भी तो पिए जा रहा…

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दिल के लिए

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* हम हुए मदहोश जबसे, दिल हमारा खो गया।बात ऐसी क्या रही जो, दिल तुम्हारा हो गया। प्यार करता हर किसी से, दिल बिना कुछ भी…

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चराग बुझाया न जाएगा

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* अब रौशनी को और सताया न जायेगा।जलता हुआ चराग बुझाया न जायेगा। मग़रूर अब किसी को बनाया न जायेगा।जो जा चुका है उसको बुलाया…

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प्यार ज़मीं पर

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)****************************************** बे-लौस¹ महब्बत भरा किरदार ज़मीं पर।दिल चाहता है आसमाँ-सा प्यार ज़मीं पर। गर इश्क़ में तासीर हो मंज़र है ये मुमकिन,हो अर्श के महबूब…

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काम भला कर ले

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** जिंदगी में नया सिलसिला कर ले,काम थोड़े सही, भला कर ले। ख़त्म कर ले अज़ाब दुनिया के,इक दफ़ा आज हौंसला कर ले। राब्ता रख के नेक नियत…

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खुशरंग हिना

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** चिलचिलाती धूप हम, मौज की रवानी की,दमदार किरदार से, अनपढ़ी कहानी की। हालात की आंच को, ज़िद भट्टी झोंक कर,किया दर्द दफा सफ़ा, दिल को रूमानी की।…

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आस की धूप

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* दिल में सन्तोष गर आस की धूप है।इस धरा का समझिये वही भूप है। बदलियों को हटा कर ज़रा देखिए,आसमां ता ज़मीं धूप ही…

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ईमां की दमदारी

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* धार पसीने की जब जारी रहती है।दूर हमेशा तब लाचारी रहती है। हाल सभी आ आकर पूछे हैं उसका,प्रेम गली में इक दुखियारी रहती…

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अपनी मेहनत देख

डाॅ. अरविंद श्रीवास्तव ‘असीम’दतिया (मध्यप्रदेश)********************************************************** गाड़ी देख न बंगला देख,न दुनिया की दौलत देख। चाहत अगर आसमां की है,पहले अपनी मेहनत देख। कौन पराया, अपना कौन,राज तभी खुल जातानजर फेर…

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हम रुकेंगे अब नहीं

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* चल पड़े तो चल पड़े हक़ अपना पाने के लिए।हम रुकेंगे अब नहीं झूठे फसाने के लिए। ख़ूबियों का ख़ामियों का एक पुतला आदमी,आज़माना…

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