स्वराक्षी ‘स्वरा’
खगड़िया (बिहार)
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इस बुरे दौर को हॅंस कर ही बिता देंगे हम,
मुश्किलों का वजन कितना हो, गिरा देंगे हम।
दूर रखना नहीं हमसे कभी हमारा गम,
अपने अश्कों के अलावों में जला देंगे हम।
वक्त पे वक्त की पहचान हमने कर ली है,
वक्त आने पे सही खुद को दिखा देंगे हम।
बांटने हर खुशी अपनी सभी से आए हैं,
मोती खुशियों के सभी दर पे गिरा देंगे हम।
जिसने समझा है मुझे अब तलक ‘स्वरा’ उल्लू,
बनके इक रोज़ मदारी ही नचा देंगे हम॥