चलना हमें सिखा दे
हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* रचनाशिल्प:काफिया-दिखा, सिखा, सजा, निभा, बता, पता, गिरा, बुझा, इत्यादि। रदीफ़-दे, २२१ २१२२ २२१ २१२२ ऐ ज़िन्दगी के मालिक, इसकी डगर दिखा दे।है रहगुज़र मगर तू,…