न इंकार मिलता
हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* रचनाशिल्प:क़ाफ़िया-आर की बंदिश में-प्यार, इंकार आदि, रदीफ़-मिलता सिफ़ारिश हुई हो तभी प्यार मिलता।खुदाई करे तो न इंकार मिलता। सभी से बहुत ही मुहब्बत है हमको,मगर…