मनाएं ऐसी दीवाली…

अंजना सिन्हा ‘सखी’रायगढ़ (छत्तीसगढ़)********************************* राम-राज... आओ मिलकर आज मनाएं, अपनी ऐसी दिवाली।तेल नदारत दिया गायब, चाहे हो अब फटहाली॥ सवा अरब की आबादी पर, लावारिस दादा-दादी।जरा सोच तू मानव प्यारे,…

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हे ! कृष्ण-कन्हैया

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* द्वापर के है! कृष्ण-कन्हैया, कलियुग में आ जाओ।पाप बढ़ रहा, धर्म मिट रहा, अपना चक्र चलाओ॥ अर्जुन आज हुआ एकाकी, नहीं सखा है कोई।राधा तो अब…

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मानवता जीवन की शोभा

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* मुस्कानों को जब बाँटोगे, तब जीने का मान है।मानवता जीवन की शोभा, मिलता नित यशगान है॥ दीन-दुखी के अश्रु पौंछकर,जो देता है सम्बल।पेट है भूखा, तो…

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आराध्य राम

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* आराध्य राम की पूजा में, मैं सारी उम्र बिताऊँगा।जयराम कहूंगा अधरों से, मैं भवसागर तर जाऊँगा॥ धर्म-नीति के जो रक्षक,हैं नित्य सदा ही हितकारी।उनकी गरिमा-महिमा पर…

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मतदान करें

डॉ.आशा आजाद ‘कृति’कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** है अखंड भारत यह अपना, जिसमें मत अधिकार है।कर्म देशहित में कर जाएँ, इससे नित उद्धार है॥ भारत के सब नागरिकों को, करते शुभ आह्वान है।जागरूकता…

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अंतःतमस मिटाएँ

डॉ.आशा आजाद ‘कृति’कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** जिस दिन अंत:तमस मिटेगा, समझो सच्ची दीवाली।मानवता का भाव जगेगा, हृदय नहीं होगा खाली॥ दीन-दुखी की सेवा करते, समझो मन उनका सच्चा,लोभ मोह में फँसा रहे…

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संंबंधों के बंध

डॉ.आशा आजाद ‘कृति’कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** संबंधों के बंध न छूटे,आओ कुछ पल संवाद करें।बात न भाये हृदय भाव को, कुछ भूल चले, कुछ याद करें॥ मृदुवाणी भी काम न आये, मन…

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लंका विजय कर आए श्रीराम

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* राम-राज... आओ मनायें फिर से दीवाली।लंका विजय कर आये श्रीराम॥ खूब सजी है आज अयोध्या नगरी,चहुँओर छलके-ढलके प्रेम गगरी।दीप जलाओ उजियारा हो सगरी,बचे ना…

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जा रे चंदा…

अंजना सिन्हा 'सखी'रायगढ़ (छत्तीसगढ़) ********************************* जा रे चंदा कह साजन से, सजनी राह निहारे।करवा चौथ पर्व आया, उनको हृदय पुकारे॥ मचल रहे हैं अरमां मेरे, करनी उनसे बातें,वे निर्मोही कटना…

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मत की अपने कीमत पहचानो

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** भारत के लोगों जरा सुनो तुम,कान लगाकर बात।मत की अपने, कीमत पहचानो, देखो फिर करामात।तुच्छ स्वार्थ में ही ना तुम,गलत कहीं ना भटक जाना,अभी…

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