मुक्तिधाम-जीवन का सत्य

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* जीवन का तो अंत सुनिश्चित, मुक्तिधाम यह कहता है।जीवन तो बस चार दिनों का, नाम ही बाक़ी रहता है॥ रीति, नीति से जीने में ही, देखो नित्य भलाई है।दूर कर सको तो तुम कर दो, जो भी साथ बुराई है।नेहभाव ही सद्गुण बनकर, पावनता को गहता है,जीवन तो बस चार दिनों … Read more

आँखों के आगे से गुजरा

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ आँखों के आगे से गुजरा,जब मेरा प्रिय गाँवहाय मैं कितना रोई। ऊँची-ऊँची पहाड़ियों की,लम्बी बड़ी कतारेंबेटी की अगवानी को थीं,सारे साज सँवारें।छलक पड़ीं प्रेमातुर नभ से,रिमझिम-रिम बौछारेंस्वागत करने दौड़ पड़ी थीं,टेसू पगी बहारें।हाथ पसारे किये हुये थे,तरुवर शीतल छाँव॥हाय मैं कितना रोई… ज्यों-ज्यों दौड़ी गाड़ी मेरी,यूकिलिप्टस भागेदेते हुये संदेशा-सा कुछ,दौड़े आगे-आगे।पंक्ति बना सागौन … Read more

साथ तुम्हारा

अंजना सिन्हा ‘सखी’रायगढ़ (छत्तीसगढ़)********************************* साथ तुम्हारा बना रहे सुन, ओ मेरे हमराज।दिन को रात कहो तो वो ही, मैं कह दूँ सरताज॥ तुम ही मेरी चाहत हमदम, बनना मत अनजान,दूर तलक हम संग चलेंगे, ये दिल में अरमान।कभी नज़र से दूर लगूँ तो देना तुम आवाज़…,साथ तुम्हारा बना रहे सुन, ओ मेरे हमराज…॥ तुमसे बेहद … Read more

तुम न सुनो, यह गगन सुनेगा

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ मेरे मानस के गीतों को,तुम न सुनो, यह गगन सुनेगा।कब अतीत को चाहा मैंने,नव निमेष ही मुझको भाया जिसने मेरे हृदय पटल परअभिनव जग का चित्र बनाया।नूतन जग के इन भावों को,मेरे भव का भवन सुनेगा॥ निश दिन दौड़ी मरु में मृग-सी,जीवन से भी प्रीति हटाईकिन्तु नहीं उस पार क्षितिज के,अपनी कुटी बना … Read more

उबारना होगा

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** नफरत की विचारधारा से,दुनिया को उबारना होगा।दिल, दिमाग, मन, बुद्धि, चित्त को,दलदल से निकालना होगा॥ जब तक तुष्टिकरण जारी है,तब तक प्रतिभा कुंठित होगीन्यायालय में हमले होंगे,न्याय व्यवस्था धूमिल होगी।आर्तनाद करने वाले जब,सिंहनाद करने लग जाएंफैली हुई महामारी जब,घायल की औषधि बन जाए।भौतिकता की भाग-दौड़ से,मानव को उबारना होगा॥दिल, दिमाग, मन, बुद्धि, … Read more

सबकी सेवा कर जाना

अंजना सिन्हा ‘सखी’रायगढ़ (छत्तीसगढ़)********************************* विश्वास: मानवता, धर्म और राजनीति…. मानवता को धार हृदय में, सबकी सेवा कर जाना।थोड़ा जीवन कर्तव्यों के, गीत हमेशा तुम गाना॥ दीन-दुखी की सेवा करके, नित्य प्रेम ही तुम बाँटो।भेद-भाव को दूर भगा कर, मन का सारा तम छाँटो।प्रेम मार्ग में मीत मिलें तो, खुद पर कभी न इतराना…,मानवता को धार … Read more

करना है कुछ नवल-प्रबल अब

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* नव वर्ष… नया काल है, नया साल है, गीत नया हम गाएँगे।करना है कुछ नवल-प्रबल अब, मंज़िल को हम पाएँगे॥ बीत गया जो, उसे भुलाकर,हम गतिमान बनेंगे।जो भी बाधाएँ, मायूसी,उनको आज हनेंगे।गहन तिमिर को पराभूत कर, नया दिनमान उगाएँगे,करना है कुछ नवल-प्रबल अब, मंज़िल को हम पाएँगे…॥ काँटों से कैसा अब … Read more

चरण-शरण में मुझको ले लो

अंजना सिन्हा ‘सखी’रायगढ़ (छत्तीसगढ़)********************************* झूठे सारे रिश्ते-नाते, सब माया रघुराई।चरण-शरण में मुझको ले लो,द्वार आपके आई॥ दशरथ नंदन राम दर्श इस, दासी को दे जाओ,करो कृपा हे रघुकुल भूषण, रूप अनूप दिखाओ।मैंने अपना माना उसने, ठोकर नित्य लगाई…,चरण शरण में मुझको ले लो,द्वार आपके आई॥ शबरी के जूठे बेरों को, प्रेम भक्ति वश खाते,तुम हो … Read more

मानवता सर्वोच्च शिखर

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ विश्वास:मानवता, धर्म और राजनीति… मानवता सर्वोच्च शिखर है, मानव तुम आभास करो।तुम श्रृंगार स्वयं हो अपना, अपने पर विश्वास करो॥ यह है पावन धर्म तुम्हारा,जियो, सभी को जीने दोएक जलाशय में ही जग के,हर प्यासे को पीने दो।खुशियाँ बाँटो जग जीवन को,किंचित नहीं उदास करो॥तुम श्रृंगार स्वयं हो अपना….क्रूर कलंकी अति आतंकी,बिखरे हैं … Read more

ऐ वीर जवान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* ऐे सैनिक! फौज़ी, जवान, है तेरा नित अभिनंदन।अमन-चैन का तू पैगम्बर, तेरा है अभिवंदन॥ गर्मी, जाड़े, बारिश में भी, तू सच्चा सेनानी,अपनी माटी की रक्षा को, तेरी अमर जवानी।तेरी देशभक्ति लखकर के, माथे तेरे चंदन,अमन-चैन का तू पैगम्बर, तेरा है अभिवंदन…॥ आँधी-तूफाँ खाते हैं भय, हरदम माथ झुकाते,रिपु तो तुझको देख … Read more